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Russia Attacks Ukraine: अब UN महासभा में यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर होगा विचार, भारत फिर रहा वोटिंग से अलग

भारत के अलावा चीन और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव पास होने के बाद अब 193 देशों वाली महासभा की बैठक बुलाकर यूक्रेन पर रूस के हमले और इस मामले में सभी देशों की राय लेकर दुनिया के देश आगे का कदम तय करेंगे। ऐसा सत्र बेहद दुर्लभ होता है।

न्यूयॉर्क। यूक्रेन के मसले पर संयुक्त राष्ट्र में एक बार फिर भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया है। इस बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संगठन की महासभा की बैठक बुलाने के लिए रविवार देर रात वोटिंग हुई। प्रस्ताव के पक्ष में 11 वोट पड़े। भारत के अलावा चीन और यूएई ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव पास होने के बाद अब 193 देशों वाली महासभा की बैठक बुलाकर यूक्रेन पर रूस के हमले और इस मामले में सभी देशों की राय लेकर दुनिया के देश आगे का कदम तय करेंगे। ऐसा सत्र बेहद दुर्लभ होता है। सुरक्षा परिषद में इस बार जो वोटिंग कराई गई, वो प्रतिक्रियात्मक थी। इस वजह से रूस इसे वीटो नहीं कर सका। इससे पहले रूस ने अपनी आलोचना के लिए लाए गए प्रस्ताव को वीटो कर दिया था। उस वोटिंग में भी भारत, चीन और यूएई अलग रहे थे और इन देशों ने किसी का भी पक्ष नहीं लिया था।

TS tirumurti

भारत की ओर से वोटिंग से अलग रहने के बाद 11 देशों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक बुलाने के पक्ष में वोट दिया। वहीं, रूस ने इसके खिलाफ वोट दिया। वोटिंग में हिस्सा न लेने के बारे में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि सीमा पार से संघर्ष और अनिश्चितता की हालत में भारत के नागरिकों की यूक्रेन से निकासी की कोशिशों पर असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि भारतीय और अन्य देशों के लोगों का यूक्रेन में फंसे होने को मानवीयता की नजर से देखा जाना चाहिए और इसपर भी विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए भारत ने आज भी वोटिंग से खुद को बाहर रखने का फैसला किया है।

UNITED NATIONS

भारत के दूत ने कहा कि हम फिर आह्वान कर रहे हैं कि सभी पक्ष हिंसा बंद कर दें। भारत रूस और यूक्रेन के बीच बेलारूस सीमा पर बातचीत के एलान का स्वागत करता है। उन्होंने कहा कि हम यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं। वहीं, अमेरिका की प्रतिनिधि ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है। अमेरिकी प्रतिनिधि ने ये भी कहा कि रूस को नाटो से कोई खतरा नहीं है और पुतिन बिना परमाणु हथियार वाले देश पर हमला कर रहे हैं। हम एक ऐसे प्रस्ताव पर वोटिंग करेंगे, जो रूस को उसके अक्षम्य कार्य के लिए जिम्मेदार ठहराएगा।