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नहीं बदले चीन के सुर, अब भारत को तीन सीमाओं पर एक साथ युद्ध लड़ने की दे रहा चेतावनी

बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। जिसके बाद चीनी सरकार और चीन की मीडिया डरी हुई है और वो लगातार भारत को गीदड़भभकी दे रहा है।

नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसक संघर्ष को लेकर गलवान घाटी में हालात तनावपूर्ण हैं। एक तरफ चीन लगातार सीमा विवाद को शांति से सुलझाने की बात कर रहा है। वहीं दूसरी ओर उसका स्टेट मीडिया लगातार भारत को युद्ध की धमकी देने की कोशिश में लगा हुआ है। इसी क्रम में एक बार फिर चीन ने भारत को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वह युद्ध का विकल्प चुनता है तो ये उसके लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।

इतना ही नहीं चीनी एक्सपर्ट्स का दावा है कि भारत को इस बार एक साथ तीन मोर्चों चीन, पाकिस्तान और नेपाल के साथ एक साथ युद्ध करना पड़ सकता है। बता दें कि सोमवार रात लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच सैन्य झड़प हुई थी। बता दें कि पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय जवानों की शहादत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन को कड़ा संदेश दिया था। उन्होंने कहा कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। जिसके बाद चीनी सरकार और चीन की मीडिया डरी हुई है और वो लगातार भारत को गीदड़भभकी दे रहा है।

india china flag

चीनी सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में शंघाई एकेडमी ऑफ़ सोशल साइंस के इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंटरनेशनल रिलेशन में रिसर्च फेलो हू झियोंग दावा करते हैं कि भारत के लिए चीन के साथ युद्ध करना आर्थिक मोर्चे पर तो काफी नुकसानदायक है ही बल्कि ये युद्ध उसे कई मोर्चों पर एक साथ लड़ना पड़ेगा। इस लेख के मुताबिक भारत बीते कुछ सालों से लगातार पड़ोसी देशों की नाराजगी झेल रहा है। पाकिस्तान से उसके रिश्ते ख़राब हैं और अब नेपाल से भी सीमा विवाद में उलझ कर उसने तनाव बढ़ा दिया है।

इस लेख में दावा किया गया है कि भारत के पड़ोसी देश उसकी आक्रामक नीतियों से खुश नहीं है और चीन से हुआ विवाद भी इसी की देन है। हू झियोंग के मुताबिक भारत फिलहाल तीन सीमाओं पर विवादों से घिरा है जिसमें पाकिस्तान, नेपाल और चीन शामिल है। पाकिस्तान ने बीते सालों में चीन के समक्ष खुद को एक अच्छा पार्टनर साबित किया है इसके आलावा नेपाल से भी लगातार चीन के काफी अच्छे संबंध बने हुए हैं। अगर भारत युद्ध के बारे में सोचता है तो उसे इन तीन मोर्चों पर एक साथ लड़ना होगा जो कि उसके क्या किसी देश की सेना के बस की बात नहीं है।

Narendra Modi Xi jin ping China

ग्लोबल टाइम्स ने एक अन्य लेख में भारत को चेतावनी देते हुए लिखा है कि दोनों देशों के बीच जारी तनाव के दौरान ‘एंटी चाइना मूवमेंट’ भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती कदम होगा। भारत में कुछ लोग अपने हितों के लिए चीन के प्रति शत्रुता को बढ़ावा दे रहे हैं। उसने धमकी भरे लहजे में लिखा कि भारत को यह समझना चाहिए कि चीन का संयम कमजोर नहीं है। चीनी मीडिया ने लिखा कि कोरोनो महामारी के बीच वैश्विक अर्थव्यवस्था को बड़ी अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। इस वर्ष अर्थव्यवस्थाओं पर बढ़ते दबाव के बीच यदि चीन और भारत सीमा तनाव को कम नहीं करते हैं तो दोनों तरफ के आर्थिक विकास को निश्चित ही भारी नुकसान होगा।