न्यूयॉर्क। भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के मसले पर पाकिस्तान और चीन के साथ ही सुरक्षा परिषद में वीटो पावर के मसले पर 5 स्थायी सदस्य देशों अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन को खरी-खरी सुनाई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा की 68वीं पूर्ण बैठक में भारतीय मिशन के काउंसिलर प्रतीक माथुर ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे। किसी भी देश की तरफ से प्रचारित और प्रसारित गलत सूचना, बयानबाजी से इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की भी प्रतीक माथुर ने वकालत की। भारतीय राजनयिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वीटो पहल को एक साल पहले अपनाया था। वीटो पर भारत की स्थिति साफ और सुसंगत है।
#WATCH | The Union Territories of Jammu&Kashmir and Ladakh were, are & will always remain an integral & inalienable part of India. No amount of misinformation, rhetoric & propaganda from any country can deny this fact: Pratik Mathur, Counsellor in India’s Permanent Mission to UN pic.twitter.com/QGu8uVMtGd
— ANI (@ANI) April 26, 2023
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने साल 2008 में सबकी सहमति से तय किया था कि सुरक्षा परिषद में वीटो और सुधार के सभी 5 पहलुओं को व्यापक तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा। भारतीय काउंसिलर ने कहा कि सुरक्षा परिषद में सभी 5 स्थायी देशों ने पिछले 75 साल में अपने संबंधित राजनीतिक उद्देश्य हासिल करने के लिए वीटो पावर का इस्तेमाल किया है। उन्होंने अफ्रीका के देशों का हवाला दिया और कहा कि अफ्रीकी भाइयों ने बार-बार कहा है कि वीटो को सैद्धांतिक तौर पर खत्म किए जाने की जरूरत है। प्रतीक माथुर ने कहा कि वीटो के इस्तेमाल का विशेषाधिकार सिर्फ 5 देशों को दिया गया है। इससे राष्ट्रों की संप्रभुता की समानता का उल्लंघन होता है।
उन्होंने कहा कि वीटो पावर सिर्फ दूसरे विश्व युद्ध की मानसिकता को बनाए रखने वाला है। भारतीय काउंसिलर प्रतीक माथुर ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि वोटिंग के हक के बारे में या तो सभी देशों के साथ समान रूप से व्यवहार किया जाता है। उन्होंने नए सदस्य देशों को भी वीटो पावर दिए जाने की मांग की। माथुर ने कहा कि अगर सुरक्षा परिषद का विस्तार होता है और नए स्थायी सदस्य होते हैं, तो वीटो के विस्तार से इसके कामकाज पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा।