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यूएई के बाद इजरायल का दोस्त बना बहरीन, डोनाल्ड ट्रंप ने बताया इसे ऐतिहासिक

डोनाल्ड ट्रंप(Donald Trump) के लिए दो महीने के अंदर दूसरी डिप्लोमेटिक जीत है। इसे अमेरिका में होने राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे उन्हें देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव(President Election) में इजराइल समर्थक इवांजेलिकल क्रिश्चन्स में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी।

नई दिल्ली। इजरायल जिस तरह से खाड़ी देशों से अपने रिश्ते बेहतर कर रहा है, उसे देख कट्टर सोच रखने वाले देशों में खलबली मची हुई है। इसमें पाकिस्तान का भी नाम शामिल है। बीते दिनों में इजराइल कई अरब देशों के साथ शांति समझौता कर चुका है। इसमें पिछले महीने संयुक्‍त अरब अमीरात (यूएई), जॉर्डन और मिस्र जैसे देशों के नाम शामिल हैं।

Donald Trump bahrain Israel

इन देशों के साथ शांति समझौता करने के बाद अब इजरायल और खाड़ी देश बहरीन के बीच दोस्ती परत देखी जा रही है। बता दें कि दोनों देश अपने संबंधों को पूरी तरह से सामान्य बनाने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते करने पर सहमत हुए हैं। इस ऐतिहासिक समझौते को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ट्वीट के जरिए यह घोषणा की।

बहरीन-इजरायल डील के बाद अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने ट्वीट कर लिखा, ”आज एक और ऐतिहासिक सफलता! हमारे दो महान दोस्त इजरायल और किंगडम ऑफ बहरीन शांति समझौते के लिए सहमत हैं। 30 दिन के अंदर इजरायल के साथ शांति समझौता करने वाला दूसरा अरब देश।”

Corona Israel

बता दें कि यह डोनाल्ड ट्रंप के लिए दो महीने के अंदर दूसरी डिप्लोमेटिक जीत है। इसे अमेरिका में होने राष्ट्रपति चुनाव से जोड़ा जा रहा है। माना जा रहा है कि इससे उन्हें देश में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में इजराइल समर्थक इवांजेलिकल क्रिश्चन्स में अपनी पैठ बनाने में मदद मिलेगी। ऐसी स्थिति को लेकर जानकारों का मानना है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव से ठीक पहले डोनाल्ड ट्रंप, इजरायल समर्थक ईसाइयों को अपने पाले में ला सकेंगे। पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने कोसोवो के इजरायल को मान्‍यता देने और सर्बिया के तेलअवीव से यरूशलम में दूतावास के ले जाने की सहमति देने की घोषणा की थी।

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ट्रम्प, नेतन्याहू और किंग हमाद ने एक साझा बयान में कहा है कि यह मिडिल ईस्ट के लिए एक ऐतिहासिक समझौता होगा। अच्छी अर्थव्यवस्था और डायनेमिक सोसाइटी वाले इन दोनों देशों (बहरीन और इजरायल) के बीच खुली बातचीत से क्षेत्र में एक अच्छा बदलाव आएगा। स्थिरता और सुरक्षा बढ़ेगी और समृद्धि आएगी।