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Kabul: अफगान उप राष्ट्रपति रहे सालेह ने खुद को घोषित किया राष्ट्रपति, तालिबान को उखाड़ फेंकने की जंग शुरू

Kabul: अफगानिस्तान पर तालिबान जब पहले भी काबिज था, तो पंजशीर के कबायलियों के गठजोड़ से वह जीत नहीं सका था। उस वक्त पश्तो लड़ाके अहमद शाह मसूद ने अमेरिका की मदद की थी और तालिबान से पूरा उत्तरी अफगानिस्तान खाली करा लिया था।

काबुल। अफगानिस्तान में गनी सरकार के दौरान उप राष्ट्रपति रहे अमरुल्लाह सालेह ने खुद को देश का नया राष्ट्रपति घोषित करते हुए तालिबान को उखाड़ फेंकने की बात कही है। सालेह ने कहा कि देश के संविधान में लिखा है कि अगर राष्ट्रपति भाग जाएं या उन्हें कुछ हो जाए, तो उप राष्ट्रपति ही देश का अगला राष्ट्रपति होगा। सालेह ने कहा है कि वह देश छोड़कर नहीं गए हैं और तालिबान से जंग जारी रखेंगे। जंग का आगाज परवान प्रांत में हो भी गया है। उधर, जानकारों के मुताबिक सालेह ने नॉर्दर्न अलायंस के कबायली योद्धाओं से हाथ मिलाया है।

पंजशीर के शेर कहे जाने वाले अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद भी उनके साथ हैं। पंजशीर उत्तरी अफगानिस्तान में है और इस इलाके पर कभी भी तालिबान का कब्जा नहीं रहा। फिलहाल सालेह के सैनिक परवान प्रांत के चरिकर इलाके से तालिबान को निकाल बाहर कर चुके हैं। चरिकर से होकर गुजर रही सड़क काबुल को उत्तरी अफगानिस्तान के बड़े शहर मजार-ए-शरीफ से जोड़ती है। रविवार को तालिबान के काबुल पर कब्जे के बाद से अमरुल्लाह सालेह का पता नहीं था। माना जा रहा था कि वह भी राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ विदेश चले गए, लेकिन सालेह ने ट्वीट करके बताया है कि वह भागे नहीं हैं और अफगानिस्तान में ही मौजूद हैं।

बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान जब पहले भी काबिज था, तो पंजशीर के कबायलियों के गठजोड़ से वह जीत नहीं सका था। उस वक्त पश्तो लड़ाके अहमद शाह मसूद ने अमेरिका की मदद की थी और तालिबान से पूरा उत्तरी अफगानिस्तान खाली करा लिया था। इसी वजह से अमरुल्लाह सालेह ने अब मसूद के बेटे से हाथ मिलाया है। मसूद परिवार की बात उत्तरी अफगानिस्तान के ज्यादातर कबायली नेता मानते रहे हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में तालिबान के साथ इस इलाके में बड़ी जंग देखने को मिलने के आसार हैं।