तेल अवीव। इजराइल के विपक्षी नेता यायर लैपिड ने घोषणा की है कि गठबंधन सरकार बनाने के लिए एक समझौता किया गया है, जो देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू के 12 साल के शासन को समाप्त कर देगा। सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, मध्यमार्गी लैपिड और अति राष्ट्रवादी नेफ्ताली बेनेट का यह बयान 23 मार्च के चुनावों के मद्देनजर एक नया शासी गठबंधन बनाने को लेकर बुधवार आधी रात को आया। विपक्षी दलों के पास बुधवार आधी रात तक का ही समय था । इसी समयसीमा के खत्म होने से 35 मिनट पहले ही लैपिड ने राष्ट्रपति रोएवन रिवलिन को एक ईमेल लिखकर अपना गठबंधन सरकार बनाने के बारे में सूचित किया।
राष्ट्रपति रूवेन रिवलिन के कार्यालय द्वारा जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि लैपिड ने राष्ट्रपति को सूचित किया कि वह सरकार बनाने में सक्षम हैं। इस गठबंधन सौदे के तहत यश अतीद की मध्यमार्गी पार्टी के नेता लैपिड और यामिना की राष्ट्रवादी पार्टी के नेता नेफ्टाली बेनेट पद का नेतृत्व बारी-बारी से करेंगे। बयान के अनुसार, पूर्व रक्षा मंत्री और नेतन्याहू के एक बार के सहयोगी बेनेट पहले प्रधानमंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। नए गठबंधन में मंसूर अब्बास की अध्यक्षता वाली एक इस्लामी पार्टी राम भी शामिल है,जो देश की 21 प्रतिशत अरब आबादी का प्रतिनिधित्व करती है और पहली बार सरकार में शामिल हो रही है।
गठबंधन में वर्तमान रक्षा मंत्री बेनी गैंट्ज की अध्यक्षता वाली मध्यमार्गी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी सहित कई छोटे दल भी शामिल हैं, जो विभिन्न राजनीतिक विचारधारओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा बेनेट की यामिना पार्टी है, जो दक्षिणपंथी झुकाव रखती है। वाम दल मेरेत्स और लेबर पार्टी भी सरकार का हिस्सा होंगी। पूर्व रक्षा मंत्री अविग्दोर लिबरमान की राष्ट्रवादी यिसराएल बेतेनू पार्टी और पूर्व शिक्षा मंत्री दक्षिणपंथी गीडन सार की न्यू होप भी गठबंधन में शामिल हुई हैं।
वहीं बेनेट के हाथ में इजरायल की सत्ता आने के बाद मध्य-पूर्व के इस्लामिक देशों से तनातनी और बढ़ सकती है। पिछले महीने 11 दिनों तक इजरायल हमास के बीच हिंसक संघर्ष हुआ तो इसमें इस्लामिक देशों की गोलबंदी हमास के साथ दिखी थी। तुर्की और पाकिस्तान, इजरायल के खिलाफ सबसे ज्यादा बोल रहे थे। तुर्की, पाकिस्तान के साथ सऊदी अरब समेत कई इस्लामिक देश और दुनिया के बाकी देश भी चाहते हैं कि फिलिस्तीन एक स्वतंत्र मुल्क बने जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो। लेकिन बेनेट इजरायल से लगे फिलीस्तीन को अलग देश बनाने की मांग को खारिज करते हैं। ऐसे में अरब देशों के साथ भी तनाव बढ़ना लाजिमी है।