नई दिल्ली। करतारपुर गुरुद्वारे (Kartarpur Gurdwara) को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) की एक और घटिया चाल सामने आ रही है। करतारपुर गुरुद्वारे का रख रखाव का काम अबतक पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति रखती आई है। लेकिन इमरान खान सरकार (Imran Khan Government) ने नई चाल चलते हुए गुरुद्वारे के रख रखाव का काम पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति से छीन कर नए संस्थान को सौंप दिया है।
ETPB को सौंपा जिम्मा, ISI का है नियंत्रण
करतारपुर गुरुद्वारे के रख रखाव की जिम्मेदारी जिस प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट को सौंपी गई है, उसके सभी 9 सदस्य Evacuee Trust Property Board (ETPB) से ताल्लुक रखते हैं। बताया जाता है कि ETPB को पूरे तरीके से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई कंट्रोल करती है।
इमरान सरकार गुरुद्वारे से करेगी बिजनेस
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ मो. तारिक खान को बनाया गया है। पाकिस्तान सरकार की ओर से करतारपुर गुरुद्वारे को लेकर जारी किए गए नए आदेश में गुरुद्वारे के जरिए व्यापार का प्लान है। इस आदेश में प्रोजेक्ट बिजनेस प्लान का जिक्र भी है। यानी गुरुद्वारे से अब इमरान खान सरकार पैसा कमाने की जुगत में जुट गई है।
करतारपुर कॉरिडोर
करतारपुर कॉरिडोर के बारे में कहा जाता है कि ये सिखों के पवित्र स्थल में से एक है। करतारपुर साहिब को गुरुनानक देव का निवास स्थान बताया जाता है। पाकिस्तान में पड़ने वाले इस स्थान पर ही गुरुनानक देव ने अपनी अंतिम सांसें ली थीं। पहले सिख श्रद्धालु दूरबीन के जरिए करतारपुर गुरुद्वारे का दर्शन करते थे, लेकिन भारत और पाकिस्तान सरकार ने मिलकर कॉरिडोर बना दिया है।
कोरोना के चलते बंद करतारपुर कॉरिडोर
विश्व में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए फिलहाल करतारपुर कॉरिडोर बंद है। भारत ने कहा है कि इसे खोलने का फैसला पाबंदियों में ढील होने के बाद सही समय पर लिया जाएगा। 30 नवंबर को गुरु नानक देव जी की 551वीं जयंती है, जिसके लिए पाकिस्तान ने सिख श्रद्धालुओं को आमंत्रित किया है, वहीं भारत के सामने भी पाक ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का प्रस्ताव रखा है।
Our statement on reports about Pakistan transferring the management and maintenance of the Holy Gurudwara Kartarpur Sahib pic.twitter.com/82S7we2P2y
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) November 5, 2020
भारत ने कहा असली चेहरा आया सामने
वहीं, पाकिस्तान की इस करतूत पर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी है। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से पाकिस्तान के इस कदम पर कड़ी आपत्ति जताए हुए कहा गया है कि पाकिस्तान के चेहरे से वह नकाब उतर गया है जिसके जरिए वह अपने यहां अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने की बात कहता है। विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि पाकिस्तान अपने फैसले को तुरंत बदले।