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Russia Attacks Ukraine: रूस के हाथों लगातार मिल रही हार से बौखलाए यूक्रेनी सैनिकों ने भारतीय छात्रों पर निकाला गुस्सा, धमकी देते हुए ट्रेन में चढ़ने से रोका

Russia Attacks Ukraine: खारकीव में फंसे छात्रों ने बताया कि, हजारों छात्र खारकीव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी यूक्रेन की पुलिस ने क्रूरतम व्यवहार करना शुरू कर दिया। छात्रों ने बताया कि यूक्रेनी सेना ने छात्रों को जान से मारने की धमकी दी।

नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन की जंग के बीच भारतीय छात्रों को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। दरअसल, यूक्रेन में बढ़ते संकट के बाद भारतीय छात्रों के साथ पुलिस और सेना की बदसलूकी के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वारयल हो रहे हैं।  वीडियो रोमानिया और पोलैंड सीमा की थी, जहां भारतीय छात्रों को बेरहमी से पीटा जा रहा था। अब पूर्वी यूक्रेन के शहर खारकीव से भी ऐसे ही हालात बने हुए हैं। हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ से बात करते हुए खारकीव में फंसे छात्रों ने बताया कि, हजारों छात्र खारकीव रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे, तभी यूक्रेन की पुलिस ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। छात्रों ने बताया कि यूक्रेनी सेना ने छात्रों को ना सिर्फ जान से मारने की धमकी दी, बल्कि भारतीयों को डराने के लिए शॉट्स भी दागे और छात्रों को टॉर्चर भी किया।

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने कहना है कि यूक्रेन की पुलिस और आर्मी केवल अपने देश के नागरिकों को प्राथमिकता दे रही है। वहीं पुलिस भारतीय छात्रों को यूक्रेन छोड़ने पर गोली मारने की धमकी भी दे रही है।

दैनिक भास्कर से बात करते हुए खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी के फर्स्ट ईयर के छात्र दिव्यांश दीक्षित ने इस बात का खुलासा किया है। दिव्यांश के साथ हजारों भारतीय छात्र स्टेशन पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। मगर यूक्रेनी सेना की धमकी के चलते भारत नहीं लौट सके। बता दें कि, बीते दिन यूक्रेन में भारतीय ऐंबैसी ने छात्रों के लिए तत्काल प्रभाव से यूक्रेन छोड़ने की अर्जेंट एडवाइजरी जारी की थी।

दिव्यांश ने बताया कि वो और उसके साथी 10 किलोमीटर पैदल चलकर खारकीव रेलवे स्टेशन पहुंचे थे, जहां छात्रों को स्पोर्ट करने के बजाए यूक्रेन की आर्मी ने बदसूलकी की। छात्र ने बताया कि, लड़कियों को भी नहीं बख्शा गया।

वहीं दूसरे छात्र ने बताया कि, घंटों मिन्नतें करने के बाद पुलिस ने लड़कियों को जाने दिया, मगर स्टेशन पर मौजूद लड़कों की जमकर पिटाई की। छात्र का कहना था कि, अस्थमा से जूझ रहे छात्र को भी यूक्रेन की आर्मी ने बहुत टॉर्चर किया। दिव्यांश ने बताया कि, वो और उनके साथी युद्ध के सातवें दिन खारकीव छोड़कर निकले। इसके पहले 6 दिन वो हॉस्टल के पास ही बंकर में छिपे हुए थे।