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Yevgeny Prigozhin: रूस में बगावत का खतरा टला, बेलारूस के राष्ट्रपति के मनाने पर माना वैगनर चीफ प्रिगोझिन, मॉस्को कूच रोका

येवगेनी प्रिगोजिन के लड़ाकों ने कुछ हफ्ते पहले ही यूक्रेन के अति महत्वपूर्ण बाखमुट शहर को जीता था। इस शहर पर कब्जे के लिए करीब 10 महीने लंबी लड़ाई चली। प्रिगोझिन ने बाखमुट शहर पर अपने भाड़े के लड़ाकों से कब्जा करने के बाद आरोप लगाया था कि रूस की तरफ से उसे हथियार और सुविधाएं मिलने में दिक्कत हो रही है।

मॉस्को। रूस में फिलहाल वैगनर ग्रुप की बगावत का खतरा टल गया है। वैगनर ग्रुप के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के दोस्त और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने मना लिया। तय हुआ है कि प्रिगोझिन के खिलाफ कोई केस नहीं चलेगा। वो रूस छोड़ देंगे। इससे पहले पुतिन ने साफ कहा था कि ये यूक्रेन युद्ध के बीच पीठ पर छुरा घोंपने जैसा है। पुतिन ने कहा था कि बगावत करने वालों को सजा जरूर मिलेगी। बहरहाल, अब येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा है कि उसने अपने भाड़े के लड़ाकों को अपने ठिकाने पर लौट जाने को कहा है। प्रिगोझिन अपने लड़ाकों के साथ रास्तोव से मॉस्को की ओर कूच कर दिया था।

yevgany prigozhin

प्रिगोझिन और उसके लड़ाकों के मॉस्को की तरफ बढ़ने की वजह से रूसी राजधानी को पूरी तरह सेना के हवाले करना पड़ा था। जगह-जगह सेना ने मोर्चे लगाए थे। मॉस्को में सड़कों पर टैंक और बख्तरबंद वाहन दिख रहे थे। क्रेमलिन और संसद की सुरक्षा कड़ी की गई थी। आज मॉस्को में छुट्टी का एलान किया गया है। पूरे शहर में लॉकडाउन लगाया गया है। वहीं, येवगेनी प्रिगोझिन की बगावत पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलिंस्की का बयान आया है। उन्होंने कहा कि जो दूसरों के लिए बुरा सोचता है, उसका खुद का हश्र भी ऐसा ही होता है। फिलहाल वैगनर ग्रुप की बगावत का खतरा टलने से रूस की सरकार सुकून की सांस ले सकती है।

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येवगेनी प्रिगोजिन के लड़ाकों ने कुछ हफ्ते पहले ही यूक्रेन के अति महत्वपूर्ण बाखमुट शहर को जीता था। इस शहर पर कब्जे के लिए करीब 10 महीने लंबी लड़ाई चली। प्रिगोझिन ने बाखमुट शहर पर अपने भाड़े के लड़ाकों से कब्जा करने के बाद आरोप लगाया था कि रूस की तरफ से उसे हथियार और अन्य सुविधाएं मिलने में दिक्कत हो रही है। प्रिगोझिन ने रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और सेना के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल भी खड़े किए थे। बगावत करने के बाद भी उसने कहा था कि पुतिन के खिलाफ नहीं, रूस की सैन्य सत्ता के खिलाफ उसने आवाज उठाई है।