
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन उत्पादों पर 10 फीसदी का टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसके दो दिन बाद आज चीन ने भी एक्शन लेते हुए अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा कर दी है। इतना ही नहीं चीन ने अमेरिकी कंपनी गूगल को भी लपेटे में ले लिया है। चीन ने एंटी-मोनोपॉली कानून के उल्लंघन को लेकर गूगल के खिलाफ जांच शुरू करने की बात कही है। इस तरह से डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के चलते अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर शुरू हो गया है।
चीन सरकार की ओर से विभिन्न अमेरिकी उत्पादों पर 10 से 15 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही गई है। चीन ने अमेरिका से इंपोर्ट होने वाले कोयला, एलएनजी (लिक्वीफाइड नैचुरल गैस) पर 15 प्रतिशत टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। वहीं कच्चे तेल, कृषि संबंधी उपकरणों, पिकअप ट्रक, बड़ी गाड़ियों पर 10 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है। वहीं गूगल को चीन के इंटरनेट से प्रतिबंधित कर दिया गया है। चीनी मार्केट रेगुलेटर्स ने गूगल में एकाधिकार विरोधी जांच शुरू की है।
वैसे ऐसा पहली बार नहीं है जब चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर छिड़ा हो। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप जब पहली बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे तब भी चीन और अमेरिका के बीच ऐसे ही हालात हो गए थे। चीन के इस एक्शन के बाद अब ऐसी संभावना जताई जा रही है कि डोनाल्ड ट्रंप चीन पर और अधिक टैरिफ लगा सकते हैं। अगर ऐसा हुआ तो अमेरिका और चीन के बीच तल्खी और बढ़ जाएगी। डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही दूसरे देशों को लगातार टैरिफ को लेकर धमकी दे रहे हैं। उन्होंने मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की बात कही थी हालांकि अंतिम समय में उन्होंने फिलहाल अपने इस निर्णय को लागू नहीं किया।