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अब अमेरिका विदेश मंत्री ने बताया क्यों इस चीनी कंपनी के साथ डील को खत्म कर रहे दुनिया भर के देश

उन्होंने कहा, “हुआवेई के खिलाफ अभियान में तेजी आ रही है क्योंकि दुनिया में लोग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की निगरानी रखने की क्षमता के खतरों से वाकिफ हो रहे हैं। दुनिया भर के टेलीकम्युनिकेशन्स ऑपरेटर्स के साथ हुआवेई के करार खत्म होते जा रहे हैं क्योंकि देश अपने 5जी नेटवर्क में विश्वसनीय कंपनियों को अनुमति प्रदान कर रहे हैं।”

न्यूयॉर्क। चीन की कंपनी हुआवेई के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अभियान को तेज करते हुए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने रिलायंस जियो को एक साफ-सुथरा नेटवर्क करार दिया है और उन्होंने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि जियो द्वारा हुआवेई के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इसके साथ ही पोम्पिओ ने यह भी कहा है कि जियो बीजिंग के इंटेलीजेंस की ओर से किसी भी प्रकार की सेंध से सुरक्षित है।

Mike pompeo

दुनिया की अग्रणी दूरसंचार ऑपरेटरों में जियो को सूचीबद्ध करते हुए पोम्पियो ने बुधवार पत्रकारों को बताया कि जियो दुनिया के उन क्लीन नेटवर्क में से हैं, जहां हुआवेई के उपकरणों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। इतना ही नहीं, उन्होंने हुआवेई को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) का बुनियादी ढांचा भी बताया है।

5जी जनरेशन नेटवर्क में हुआवेई की सेंधमारी को रोकना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए एक प्राथमिकता बन गई है। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विश्व के अन्य नेताओं से इस कंपनी को बैन करने की अपील की है क्योंकि अमेरिका का चीन पर टेलीकॉम कंपनियों के जरिए जासूसी करने का आरोप लगातार रहा है।

हुआवेई पर लगाए गए प्रतिबंधों की एक श्रृंखला के साथ वॉशिंगटन द्वारा उन अन्य देशों पर भी दबाव इसलिए बनाया जा रहा है ताकि चीनी कंपनियों के साथ अमेरिकी प्रौद्योगिकियों को साझा करने के मामले में उन पर रोक लगाया जा सके। उन्होंने बाद में यह भी कहा कि चीनी कंपनियों के खिलाफ दुनिया को एकजुट करने का प्रयास इसलिए भी किया जा रहा है क्योंकि चीन में पैदा हुए कोविड-19 महामारी से बीजिंग द्वारा रणनीतिक और आर्थिक रूप से लाभ उठाने का प्रयास किया गया, जिससे दुनिया को परेशानियों का सामना करना पड़ा।

उन्होंने कहा, “हुआवेई के खिलाफ अभियान में तेजी आ रही है क्योंकि दुनिया में लोग चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की निगरानी रखने की क्षमता के खतरों से वाकिफ हो रहे हैं। दुनिया भर के टेलीकम्युनिकेशन्स ऑपरेटर्स के साथ हुआवेई के करार खत्म होते जा रहे हैं क्योंकि देश अपने 5जी नेटवर्क में विश्वसनीय कंपनियों को अनुमति प्रदान कर रहे हैं।”

mike pompeo

चेक गणराज्य, पोलैंड, स्वीडन, एस्टोनिया, रोमानिया, डेनमार्क और लातविया जैसे देशों ने यह अपनाया है। हाल ही में, ग्रीस ने अपने 5 जी बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए हुआवेई के बजाय एरिक्सन का उपयोग करने के लिए सहमति जताई गई है