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US On China: एलएसी मुद्दे पर भारत के साथ खड़ा हुआ अमेरिका, चीन से कहा- कतई स्वीकार नहीं करेंगे घुसपैठ

अमेरिका ने एशिया और प्रशांत इलाके में बढ़ती दादागीरी को थामने के लिए 4 देशों का गुट क्वॉड बनाया है। इसमें अमेरिका के साथ भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हैं। बीते दिनों अमेरिकी सेना के जवानों ने एलएसी के पास ही भारत की सेना के साथ युद्धाभ्यास भी किया था।

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वॉशिंगटन। भारत और चीन के तनाव के बीच एलएसी पर अमेरिका का बड़ा बयान आया है। अमेरिका ने साफ तौर पर कहा है कि एलएसी पर किसी भी तरह की एकतरफा कार्रवाई और घुसपैठ को वो मंजूर नहीं करेगा। अमेरिका ने ये भी कहा है कि वो भारत और चीन के तनाव पर कड़ी नजर रखे हुए है। अमेरिका के विदेश विभाग के उप प्रमुख प्रवक्ता वेदांत पटेल ने शनिवार को मीडिया से ये बात कही। अमेरिका का एलएसी पर दिया गया ये बयान काफी अहम है। अब तक अमेरिका ने भारत और चीन से बातचीत के जरिए विवाद निपटाने की सलाह दी थी। अब उसने साफ कह दिया है कि एलएसी पर चीन अगर कोई भी हिमाकत करता है, तो उसे विश्व बिरादरी किसी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकती। अमेरिका के इस रुख से यूरोपीय देशों का भी चीन के खिलाफ साथ भारत को मिलने के आसार बढ़ गए हैं।

us state department vedant patel

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन के बीच इसी महीने बैठक होनी है। वेदांत पटेल ने पत्रकारों से ये भी कहा कि भारत हमारा अहम साझेदार देश है। इस साझेदारी में सुरक्षा सहयोग के साथ ही व्यापार और तकनीकी सहयोग भी है। अमेरिका बीते कुछ साल में भारत को कई तरह के हथियार भी दे चुका है। चीन और भारत के बीच एलएसी पर अमेरिका में बनी हल्की तोपें भी भारतीय सेना ने तैनात की हैं। इनके गोलाबारूद भी खास किस्म के हैं। इसके अलावा लद्दाख में सामरिक ठिकानों तक सेना और रसद की सप्लाई करने में अमेरिका से मिले चिनूक हेलीकॉप्टर और ग्लोबमास्टर विमान भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

India and china 1

अमेरिका ने एशिया और प्रशांत इलाके में बढ़ती दादागीरी को थामने के लिए 4 देशों का गुट क्वॉड बनाया है। इसमें अमेरिका के साथ भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हैं। बीते दिनों अमेरिकी सेना के जवानों ने एलएसी के पास ही भारत की सेना के साथ युद्धाभ्यास भी किया था। चीन की तरफ से इसे उकसावे वाली कार्रवाई बताया गया था। साथ ही चीन ने ये भी आरोप लगाया है कि अमेरिका उसे घेरने के लिए भारत की मदद ले रहा है। जबकि, हकीकत ये है कि 2020 से चीन लगातार एलएसी को पार कर भारतीय जमीन पर कब्जा करने की फिराक में है। गलवान घाटी का संघर्ष भी हो चुका है। जिसमें चीन के 40 से ज्यादा जवान मारे गए थे। भारत के भी एक कर्नल समेत 20 जवान गलवान संघर्ष में शहीद हुए थे।

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