जोहानेसबर्ग। पीएम नरेंद्र मोदी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका की राजधानी जोहानेसबर्ग में हैं। मंगलवार को जोहानेसबर्ग पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने वहां ब्रिक्स बिजनेस फोरम में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में दक्षिण अफ्रीका के साथ ही ब्रिक्स देशों भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका, रूस और ब्राजील के व्यापार जगत के नामचीन लोग मौजूद थे। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन का रिकॉर्ड किया संदेश सुनाया गया। रूस की तरफ से वहां के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव इस कार्यक्रम में शामिल हुए। ब्रिक्स बिजनेस फोरम में मोदी ने भारत में निवेश के लिए सभी को न्योता दिया।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi’s remarks at the BRICS Business Forum Leaders’ Dialogue in Johannesburg, South Africa pic.twitter.com/oIWuxYzz9T
— ANI (@ANI) August 22, 2023
मोदी ने ब्रिक्स बिजनेस फोरम में कहा कि भारत ने आपदा और कठिन वक्त में आर्थिक सुधार किए और इससे हालात बदले। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते 9 साल में मिशन मोड में काम किया। बिजनेस करने के लिए जो मंजूरी चाहिए होती थीं, उनको कम किया। मोदी ने कहा कि भारत में मौजूदा सरकार ने रेड टेप यानी लाल फीताशाही को हटाकर रेड कार्पेट बिछाया है। इससे व्यापार के विकल्प बढ़े हैं। मोदी ने कहा कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल का दौर है, लेकिन भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाला देश है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही भारत 5 अरब डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आने वाले दिनों में दुनिया का ग्रोथ इंजन भी होगा। पीएम मोदी ने कहा कि बीते 10 साल में ब्रिक्स बिजनेस काउंसिल ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के देश मिलकर दुनिया को नई राह दिखा सकते हैं।
ब्रिक्स देशों के राष्ट्राध्यक्षों और राज्याध्यक्षों का सम्मेलन आज से होगा। इस दौरान तमाम नए देशों को ब्रिक्स में बतौर सदस्य शामिल करने पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा ब्रिक्स देश आपस में मिलकर आर्थिक हालात को सुधारने और अपने देशों की तरक्की के रास्ते निकालने की चर्चा कर सकते हैं। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी कई देशों के नेताओं से वन टू वन बैठक भी करेंगे। हालांकि, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से वो बैठक करेंगे या नहीं, इसका खुलासा दोनों ही देशों के विदेश मंत्रालय ने अभी नहीं किया है।