न्यूयॉर्क। ऐसी संभावना बन गई है कि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के पहले सजायाफ्ता राष्ट्रपति हो जाएंगे। इसकी वजह है हश मनी का केस। न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चान ने हश मनी केस में डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ दोषसिद्धि को खारिज करने से मना कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि केस बने रहने पर बतौर राष्ट्रपति उनकी क्षमता बाधित होगी और वो ठीक से सरकार नहीं चला सकेंगे। जज जुआन मर्चान ने हश मनी केस में डोनाल्ड ट्रंप को मुक्त करने के लिए इस अपील को मानने से साफ मना कर दिया। जज ने कहा कि राष्ट्रपति को प्रतिरक्षा देने वाला सुप्रीम कोर्ट का फैसला लागू नहीं होता और ये मामला अनौपचारिक आचरण से जुड़ा है। वहीं, डोनाल्ड ट्रंप कोर्ट में कह चुके हैं कि हश मनी का आरोप सही नहीं है।
हश मनी देने का डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप 2016 का है। ये मामला एक पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए रकम देने का है। आरोप है कि डोनाल्ड ट्रंप ने स्टॉर्मी डेनियल्स से 2006 में यौन संबंध बनाए थे। साल 2016 में जब ट्रंप ने अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता, उस वक्त मामले की चर्चा हुई। इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को चुप रहने के लिए रकम दी। आरोप लगा कि डोनाल्ड ट्रंप ने स्टॉर्मी डेनियल्स को रकम देने के लिए अपने कारोबार के रिकॉर्ड में हेराफेरी की। न्यूयॉर्क के कोर्ट ने इसी मामले में ट्रंप को दोषी माना था। इस केस में डोनाल्ड ट्रंप को 4 साल की जेल की सजा हो सकती है।
हश मनी का मतलब उस रकम से है, जो किसी व्यक्ति को चुप रहने के लिए दी जाती है। किसी विरोधी का मुंह बंद रखने के लिए दी जाने वाली रकम को भी हश मनी कहा जाता है। डोनाल्ड ट्रंप के मामले में स्टॉर्मी डेनियल्स ने कोर्ट में पेश होकर गवाही दी कि उनको हश मनी दी गई। डोनाल्ड ट्रंप को 20 जनवरी 2025 को अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभालना है। वो दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने 2016 से 2020 तक अमेरिका का राष्ट्रपति पद संभाला है। इस बार उन्होंने चुनाव में मौजूदा उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को पटकनी दी है। ट्रंप ने 7 स्विंग स्टेट्स में भी जीत दर्ज करने का जबरदस्त प्रदर्शन किया।