नई दिल्ली। रूसी राष्ट्रपति की बढ़ती आक्रमकता ने यूक्रेन को बदहाली के सैलाब में सराबोर कर दिया है। यूक्रेन की गलियों में तबाही का सैलाब उमड़ रहा है। कल तक गगनचुंबी इमारतों से अपने विकास की नुमाइश करने वाली यूक्रेन आज बदहाली के सारे पैमानों को ध्वस्त कर चुकी है और इन सबका अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है रूस। पिछले पांच दिनों से रूसी सैनिकों ने यूक्रेन में तबाही का महासागर बहाने की कमस खा ली है। और अब तो पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ परमाणु बलों को भी सक्रिय करने का फरमान भी जारी कर दिया है। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, इस संदर्भ में पुतिन अपनी अध्यक्षता में आगामी बुधवार को मंत्रियों संग बैठक भी करने जा रहे हैं। शायद इस बैठक में वे यूक्रेन के खिलाफ अपनी आक्रमकता को धरातल पर उतारने की रूपरेखा तैयार करेंगे, लेकिन इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। आइए आपको इसके बारे में सबकुछ तफसील से बताते हैं।
खबर है कि यूक्रेन-रूस के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार करते हुए वैक्यूम बम के इस्तेमाल करने के संकेत दे दिए हैं। यह हथियार बेहद घातक माने जाते हैं। रूस ने विशेष तौर पर युद्ध जैसी परिस्थिति में इस्तेमाल करने हेतु ही इसका निर्माण किया है। वैक्यूम बम थर्मोबैरिक हथियार के अंतर्गत आते हैं। इस बम की घातकता का अंदाजा आप महज इसी से लगा सकते हैं कि यह ऑक्सीजन सोखकर हमला करता है, जिससे हमले से प्रभावित हुए लोगों को सांस लेने में अत्याधिक तकलीफ होती है। यह ऑक्सीजन सोखकर बड़ा धमाका करने के लिए जाना जाता है। इस बम की घातकता को ध्यान में रखते हुए कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने इसके इस्तेमाल पर भी रोक लगाने की अनुशंसा की थी।
इससे पहले साल 2016 में रूस ने सीरिया के खिलाफ उक्त बम का इस्तेमाल किया था। रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ वैक्यूम बम के इस्तेमाल के बाद आप इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि रूस की आक्रमकता अब यूक्रेन के खिलाफ अपने चरम पर पहुंच चुकी है। अब इतना सब कुछ पढ़ने के बाद आप सोच रहे होंगे कि आखिर आप इतने दावे के साथ कैसे कह सकते हैं कि रूस यूक्रेन के खिलाफ वैक्यूम हथियार का इस्तेमाल कर सकता है, तो आपको बताते चलें कि इसकी जानकारी किसी और ने नहीं, बल्कि यूक्रेन की राजदूत ओकासाना ने दी है। इसके साथ ही उन्होंने यूक्रेन के खिलाफ बढ़ती रूस की आक्रमकता को लेकर विश्व बिरादरी से मदद की गुहार भी लगाई है।
उधर, रूस के रवैये को लेकर विश्व बिरादरी आलोचना करने से गुरेज ही करता हुआ नजर आ रहा है। हालांकि, बीते दिनों अमेरिका ने जरूर कुछ अल्फाज खुलकर रूस के खिलाफ बोले थे, लेकिन अब वो भी संतुलित रुख अख्तियार करता हुआ नजर आ रहा है। वहीं, बीते दिनों अमेरिका की तरफ रूस के रवैये को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव भी पारित किया गया था, लेकिन रूस ने अपने वीटो अधिकार के इस्तेमाल से उसे खारिज करवा दिया। भारत ने भी रूस के खिलाफ मतदान करने से गुरेज ही किया था, जिसे लेकर रूस ने भारत के नाम तारीफों के पुल भी बांधे थे। उधर, रूस की बढ़ती आक्रमकता से यूक्रेन में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो चुके हैं। पुतिन पर आरोप है कि वे यूक्रेनी नागरिकों को और बच्चों को निशाना बना रहे हैं, जिसे लेकर उनकी आलोचना भी भी हुई थी, लेकिन इन आलोचनाओं का उन पर कोई भी असर पड़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। अब ऐसी स्थिति में रूस-यूक्रेन के बीच युद्ध की स्थिति क्या रुख अख्तियार करती है। यह तो फिलहाल आने वाला वक्त ही बताएगा।