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Who is Putin’s Advisor: कौन हैं पुतिन के ख़ास सलाहकार जिनके हाथ में है यूक्रेन पर हमले की बागडोर

Who is Putin’s Advisor: तीसरे सलाहकार हैं जनरल निकोल पेत्रुशेव, निकोल पेत्रुशेव पुतिन के उन वफादारों में से एक हैं, जिन्होंने 1970 के दशक से सेंट पीटर्सबर्ग में उनके साथ काम किया था। वे राष्ट्रपति के सलाहकारों में भी गिने जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ‘पेत्रुशेव सबसे तेज बाज की तरह हैं और पश्चिमी देशों को रूस का दुश्मन मानते हैं।

नई दिल्ली। रूसी सेना के यूक्रेन पर ताबड़तोड़ हमले जारी हैं। रूसी हमले के कारण 15 लाख की आबादी वाले शहर खारकीव में तबाही का मंजर पसरा हुआ है। यूक्रेन का कहना है कि रूसी हमले के कारण पहले सात दिनों में ही 2000 से ज्यादा बेगुनाह नागरिकों की जान चली गई है। हालांकि, अभी-भी इसका सटीक आंकड़ा किसी के पास नहीं है। बीते दो दिनों से रूस की आक्रामकता और ज्यादा बढ़ी है। जहां पहले रूस रूक-रूक कर हमले कर रहा था। वहीं, अब सिलसिलेवार तरीके से यूक्रेन पर बमबारी कर रहा है। कोई शासक या राष्ट्राध्यक्ष अगला कदम क्या उठाएगा, ये बहुत हद तक उसके सलाहकारों से उसे मिलने वाली सलाह पर निर्भर करता है। युद्ध के दौरान तो इन सलाहकारों की अहमियत और भी ज्यादा बढ़ जाती है। दुनिया के सबसे ताकतवर शासकों में गिने जाने वाले रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के पास भी ऐसे ही कुछ सलाहकार हैं जिनकी बात सुनकर ही पुतिन इस युद्ध को लेकर अपनी रणनीति तय कर रहे हैं।

ukraine president and putin

पुतिन के इन सलाहकारों में सबसे पहला नाम है रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु का, शोइगु लंबे वक्त से पुतिन के विश्वासपात्र हैं। रूसी सुरक्षा विशेषज्ञ और लेखक आंद्रेई सोलातोव का मानना है कि रक्षा मंत्री अभी भी सबसे प्रभावशाली आवाज़ हैं जिनकी बात राष्ट्रपति सुनते हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सर्गेई शोइगु रूस को पश्चिम के तथाकथित सैन्य खतरे से बचाने के लिए पुतिन को सलाह देते रहते हैं। उन्हें 2014 में क्रीमिया पर रूसी कब्जे का का श्रेय दिया जाता है। वे जीआरयू सैन्य खुफिया एजेंसी के प्रभारी भी थे, जिन पर दो एजेंटों को जहर देकर मारने, 2018 में ब्रिटेन में सैलिसबरी में घातक हमला करने और 2020 में साइबेरिया के विपक्षी नेता एलेक्सी नवालनी पर घातक हमला करने के आरोप है।

putin 12

 

दूसरा नाम है उप रक्षामंत्री वालेरी गेरासिमोव, उप रक्षा मंत्री और रूसी संघ के सशस्त्र बलों के जनरल स्टाफ प्रमुख वालेरी गेरासिमोव का काम यूक्रेन पर आक्रमण करना और इस काम को तेजी से पूरा करना था। 1999 के चेचन युद्ध में सेना की कमान संभालने के बाद से ही वे व्लादिमीर पुतिन के सैन्य अभियानों का एक प्रमुख चेहरा रहे हैं। वे पिछले महीने बेलारूस में सैन्य अभ्यास की देखरेख करते हुए यूक्रेन के लिए सैन्य योजना बनाने में भी सबसे आगे थे। रूस के विशेषज्ञ मार्क गेलोटी के मुताबिक जनरल गेरासिमोव ने क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए सैन्य अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इसके बाद नंबर आता है सर्गेई नारिश्किन का, सर्गेई नारिश्किन अपने करियर के ज्यादातर हिस्से में राष्ट्रपति के साथ रहे हैं। वे 1990 के दशक में सेंट पीटर्सबर्ग में पुतिन के साथ थे, फिर 2004 में वे पुतिन के कार्यालय में और आखिर में संसद के अध्यक्ष बने। वे रूसी हिस्टोरिकल सोसाइटी के प्रमुख भी हैं और राष्ट्रपति को वैचारिक सलाह देते रहते हैं।

तीसरे सलाहकार हैं जनरल निकोल पेत्रुशेव, निकोल पेत्रुशेव पुतिन के उन वफादारों में से एक हैं, जिन्होंने 1970 के दशक से सेंट पीटर्सबर्ग में उनके साथ काम किया था। वे राष्ट्रपति के सलाहकारों में भी गिने जाते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक ‘पेत्रुशेव सबसे तेज बाज की तरह हैं और पश्चिमी देशों को रूस का दुश्मन मानते हैं। अगले सलाहकार हैं एलेक्जेंडर बोर्तनिकोव, बोर्तनिकोव पुतिन के वफादारों में एक हैं, उन्हें राष्ट्रपति का बेहद करीबी माना जाना जाता है। कई रिपोर्ट्स में बताया गया है कि पुतिन किसी भी अन्य स्रोत से ज्यादा सुरक्षा सेवाओं से प्राप्त जानकारी पर भरोसा करते हैं और इसी वजह से एलेक्जेंडर बोर्तनिकोव को पुतिन का बेहद खास माना जाता है, उन्होंने निकोलाई पेत्रुशेव के यहां से हटने के बाद एफएसबी का नेतृत्व संभाला। एफएसबी का अन्य कानून प्रवर्तन सेवाओं पर काफी प्रभाव है और यहां तक कि इसके अपने विशेष बल भी हैं।

इसके बाद नाम आता है, वैलेंटिना मतविएन्को का, पुतिन की टीम में वैलेंटिना एकमात्र महिला हैं। वे पीटर्सबर्ग से पुतिन की वफादार हैं। 2014 में क्रीमिया पर कब्जा करने में भी उनकी भूमिका मानी जाती है। हालांकि, उन्हें प्राथमिक निर्णय लेने वाला नहीं माना जाता है, लेकिन रूस की सुरक्षा परिषद में हर दूसरे सदस्य की तरह उसकी भूमिका सामूहिक चर्चा में हिस्सा लेने और अपनी राय देने की होती है। हाल ही में उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस के सैन्य अभियान पर अमेरिका और उसके सहयोगियों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का मॉस्को जवाब देगा। विक्टर राष्ट्रपति पुतिन के पूर्व अंगरक्षक हैं और अब रूस के राष्ट्रीय रक्षक रोसगवर्डिया को चलाते हैं। जिसे छह साल पहले राष्ट्रपति पुतिन ने रोमन साम्राज्य की तरह प्रेटोरियन गार्ड की शैली में एक व्यक्तिगत सेना के रूप में बनाया था। निजी सुरक्षा गार्ड को चुनकर उनकी वफादारी सुनिश्चित की जाती है। विक्टर ने इसकी संख्या को 400,000 तक बढ़ा दिया है।