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कोरोना वायरस को लेकर ब्रिटिश लेखक का बड़ा दावा, कहा- वुहान की लैब में चूहों पर हो रहा था प्रयोग…

Wuhan Lab China: इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग चीन को लेकर आशंका जता चुके हैं कि वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से फैला है और पूरी दुनिया में असर दिखा रहा है।

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर अक्सर चीन पर आरोप लगते रहे हैं कि इसकी शुरुआत चीन के वुहान लैब से हुई है। हालांकि चीन हमेशा से इस बात को खारिज करता रहा है। इन सबके बीच अब एक ब्रिटिश लेखक ने दावा किया है कि, चीन के वुहान से ही कोरोना वायरस की शुरुआत हुई है। बता दें कि जाने-माने ब्रितानी लेखक एवं संपादक निकोलस वेड ने कहा है कि चीन के ‘वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी’ के अनुसंधानकर्ता कोरोना वायरस से मानव कोशिकाओं और मानवकृत चूहों को संक्रमित करने के लिए प्रयोग कर रहे थे और इसी दौरान प्रयोग के चलते कोविड-19 जैसे वायरस की उत्पत्ति की आशंका है। दरअसल निकोलस वेड विज्ञान संबंधी मामलों पर लिखने के लिए मशहूर हैं। इस महीने की शुरुआत में वेड ने प्रतिष्ठित ‘बुलेटिन ऑफ द एटॉमिक साइंटिस्ट्स’ में प्रकाशित ‘कोविड की उत्पत्ति: वुहान में भानुमती का पिटारा लोगों ने खोला या प्रकृति ने?’ नाम से शीर्षक वाले लेख में सार्स-सीओवी-2 की उत्पत्ति पर कई सवाल उठाए थे।

वेड ने लिखा था कि कोरोना वायरस दिसंबर 2019 में वुहान से फैला शुरू हुआ था और यह वैश्विक महामारी बन गया। उन्होंने कहा कि जिस तरह के सबूत मिले हैं उससे इस आशंका को बल मिलता है कि कोरोना वायरस एक प्रयोगशाला में पैदा किया गया, जहां से वह पूरी दुनिया में फैल गया। हालांकि इस बात के साथ वेड ये भी कहते हैं कि, ‘‘फिलहाल इसकी पुष्टि के लिए पर्याप्त सबूत नहीं है।’’

british writer wuhan

उन्होंने कहा कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर कई लोग जानते हैं कि दो मुख्य अनुमान प्रचलन में हैं, जिसमें एक अनुमान यह है कि यह वन्यजीवों से मनुष्यों में प्राकृतिक रूप से आया और दूसरा अनुमान यह है कि इस वायरस पर किसी प्रयोगशाला में अध्ययन किया जा रहा था, जहां से वह आगे फैल गया। वेड का कहना है कि, ‘‘चीन के मुख्य कोरोना वायरस अनुसंधान केंद्र का घर वुहान है। इस लैब से अनुसंधानकर्ता मानव कोशिकाओं पर हमला करने के लिए चमगादड़ संबंधी कोरोना वायरस बना रहे थे।’’

वेड का कहना है कि इस दौरान लैब में सुरक्षा मानकों का पूरी तरह से ख्याल नहीं रखा गया। यदि सार्स 2 का संक्रमण वहां से अप्रत्याशित रूप से फैला, तो यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है। वेड ने कहा, ‘‘इस बात के दस्तावेजी सबूत है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के अनुसंधानकर्ता मानव कोशिकाओं और मानवीकृत चूहों को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के लिए ‘गेन ऑफ फंक्शन’ प्रयोग कर रहे थे। इसी प्रकार के प्रयोग से सार्स2 जैसा वायरस पैदा हुआ होगा।

Corona

बता दें कि इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई लोग चीन को लेकर आशंका जता चुके हैं कि वायरस चीन की किसी प्रयोगशाला से फैला है और पूरी दुनिया में असर दिखा रहा है।