वॉशिंगटन। कोरोना वायरस कहां से फैला ? इस सवाल का जवाब पूरी दुनिया तलाश रही है। कई बार चीन पर इस मामले में अंगुलियां उठीं, लेकिन चीन ने हर बार कहा कि उसके यहां से वायरस नहीं फैला। चीन ने तो ये आरोप तक लगा दिया था कि अमेरिका से पूरी दुनिया में कोरोना वायरस फैला, लेकिन अब अमेरिकी संसद की विदेश मामलों की कमेटी ने इस बारे में जो दावा किया है वह चीन को घेर रहा है। विदेश मामलों की कमेटी का दावा है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान लैब से ही बाहर निकला। इसके लिए कमेटी ने कई उदाहरण दिए हैं। अमेरिकी संसद की कमेटी की इस रिपोर्ट के बाद चीन और अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने के आसार हैं। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के पास कोरोना वायरस की कई किस्में हैं। सितंबर 2019 में वहां के एक या ज्यादा रिसर्चर लैब में ही कोरोना से ग्रस्त हुए और उन्होंने इसे बाहर फैलाया।
कमेटी के मुताबिक रिसर्चर या तो जंगल से लिए गए किसी वायरस या फिर लैब में पैदा किए गए वायरस पर शोध कर रहे थे। वुहान से ही वायरस फैलने के दावे के समर्थन में कहा गया है कि लैब के साढ़े 6 मील के दायरे के अस्पतालों में मरीज लगातार बढ़ते गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि वुहान में 18 अक्टूबर 2019 को सातवें सैन्य गेम्स हुए। इसमें शामिल इटली, ब्राजील, स्वीडन और फ्रांस के खिलाड़ी भी कोरोना से प्रभावित हुए।
इस रिपोर्ट में वुहान लैब की रिसर्चर शी और उनके साथियों के बारे में लिखा गया है। इनके बारे में कहा गया है कि ये लोग कोरोना वायरस को लैब में बदल रहे थे और 2018 में ही इस बदले हुए वायरस का इंसान पर असर देखा था। कोरोना वायरस 2012 में भी चीन के युन्नान प्रांत के तांबे के एक खदान के 6 मजदूरों में भी पाया गया था। 30 से 63 साल तक की उम्र के इन मजदूरों को कुनमिंग अस्पताल में दाखिल कराया गया था। इससे साबित होता है कि चीन में काफी पहले से कोरोना वायरस मौजूद था। इसमें कहा गया है कि चीन के रिसर्चर्स ने 2016 में बताया था कि युन्नान प्रांत के मोजियांग काउंटी में चमगादड़ों में कोरोना के बारे में उन्होंने शोध किया था। जनवरी 2020 में शी और अन्य रिसर्चर्स ने एक पेपर में कहा कि चमगादड़ों में नए किस्म का कोरोना वायरस मिला है। इसी के बाद चीनक सरकार ने बताया कि कोरोना वायरस मनुष्य से मनुष्य में ट्रांसमिट हो जाता है। अमेरिकी कमेटी की रिपोर्ट में विश्व स्वास्थ्य संगठन के बारे में लिखा गया है कि जनवरी 2020 में संगठन ने बताया था कि कोरोना वायरस के स्रोत की जांच करने में चीन की सरकार ढिलाई बरत रही है।