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53rd GST Council Meeting : सोलर कुकर पर 12% जीएसटी, प्लेटफॉर्म टिकट, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम चार्जेज़ में टैक्स से मिलेगी राहत

53rd GST Council Meeting : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में जानकारी दी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की बैठक में जो प्रस्ताव पास हुए हैं उससे व्यापारियों, एमएसएमई और करदाताओं को फायदा होगा।

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 53वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे में जानकारी दी। निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज की बैठक में जो प्रस्ताव पास हुए हैं उससे व्यापारियों, एमएसएमई और करदाताओं को फायदा होगा।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने बताया कि काउंसिल ने सभी सोलर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी निर्धारित करने की सिफारिश की है, चाहे इसमें एकल या दोहरी ऊर्जा स्रोत हो। वहीं, भारतीय रेलवे द्वारा आम आदमी को प्रदान की जाने वाली सेवाएं जैसे प्लेटफॉर्म टिकटों की बिक्री, रिटायरिंग रूम, वेटिंग रूम, क्लॉक रूम सुविधाओं और बैटरी चालित कार सेवाओं को जीएसटी से छूट दी जा रही है। इसके अलावा, शैक्षणिक संस्थानों में बाहर के छात्रों के लिए छात्रावासों को भी जीएसटी से छूट दी जा रही है। आवास सेवाओं की आपूर्ति का मूल्य प्रति व्यक्ति प्रति माह 20,000 रुपये तक है। ये सेवाएं न्यूनतम 90 दिनों की निरंतर अवधि के लिए आपूर्ति की जाती हैं।

सीतारमण ने बताया कि सरकारी मुकदमों को कम करने के लिए, परिषद ने इन कानूनी मंचों के समक्ष विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरणों के लिए 20 लाख रुपए, उच्च न्यायालय के लिए 1 करोड़ रुपए और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 2 करोड़ रुपए की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है। साथ ही परिषद ने यह भी निर्णय लिया है और सिफारिश की है कि सीजीएसटी अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन करके यह प्रावधान किया जाएगा कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की तीन महीने की अवधि पहले दिन से शुरू होगी।

वित्त मंत्री ने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब जीएसटी लागू किया गया था, तब मुझे याद है कि वरिष्ठ मंत्री अरुण जेटली उस समय जीएसटी के बारे में बात कर रहे थे कि पेट्रोल और डीजल कीमतों को संभाला जा सकता है, जिसके लिए कानून पहले ही बनाया जा चुका है इसलिए, एक बार राज्यों के सहमत होने के बाद, परिषद को यह तय करना होगा कि कर की दर क्या होगी।