नई दिल्ली। चुनाव जीतने के बाद राहुल गांधी आज पहली बार वायनाड पहुंचे और यहां उन्होंने कठिन समय में साथ देने के लिए जनता को धन्यवाद दिया। इस दौरान राहुल गांधी ने कहा कि मेरे सामने अजीब धर्म संकट खड़ा हो गया है। मैं तय नहीं कर पा रहा हूं कि वायनाड सीट छोड़ूं या रायबरेली। राहुल बोले, वैसे तो मैं दोनों में से कोई भी सीट नहीं छोड़ना चाहता लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सकता। राहुल ने फिलहाल यह तो नहीं बताया कि वो दोनों में से कौन सी सीट छोड़ेंगे लेकिन उन्होंने जनता से इतना वादा जरूर किया कि मेरा जो भी फैसला होगा, उससे वायनाड और रायबरेली दोनों खुश होंगे।
Malappuram, Kerala: Congress leader Rahul Gandhi says, “What I will commit to you is that both Wayanad and Rae Bareli will be happy with my decision. Once again, thank you very much for your love, affection, support, and all the energy you gave me during this difficult period. I… pic.twitter.com/rUgq79gHec
— IANS (@ians_india) June 12, 2024
आपको बता दें कि राहुल गांधी इस बार वायनाड और रायबरेली दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़े थे। दोनों ही सीटों पर उनकी जीत हो गई ऐसे में अब उनको एक सीट छोड़नी होगी। इससे पहले 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राहुल अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़े थे जिसमें अमेठी से उनको बीजेपी की स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। तब वायनाड की जनता ने राहुल की इज्जत बचाते हुए उनको चुनाव जिताया था। वहीं वायनाड की जनता ने एक बार फिर राहुल को चुनाव जिताया इसलिए राहुल के सामने बड़ी ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
एक तरफ वायनाड की वो सीट है जिसने 2019 में उनकी इज्जत बचाई और 2024 में दोबारा जीत दिलाई तो दूसरी तरफ रायबरेली की वो वीवीआईपी सीट है जिसको लेकर देशभर में चर्चा रही। रायबरेली की सीट गांधी परिवार की पारम्परिक सीट माना जाता है इससे पहले सोनिया गांधी यहां से सांसद थीं। जब राहुल को रायबरेली से चुनाव लड़ाने की घोषणा की गई तो सोनिया गांधी ने रायबरेली की जनता से भावुक अपील करते हुए कहा था कि आपको अपना बेटा सौंप रही हूं और वो आपको निराश नहीं करेगा। ऐसे में राहुल क्या डिसीजन लेंगे ये थोड़ा कठिन है।