नई दिल्ली। रामनवमी के पावन पर्व पर आज अयोध्या में श्री रामलला का सूर्य की किरणों से तिलक किया गया। भगवान के माथे पर लगभग 4 मिनट तक सूर्य की किरणें गोलकार रूप में पड़ती रहीं और इस अद्भुत नजारे को देखकर सभी श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे और हर तरफ जय श्री राम के नारे गूंजने लगे। रामलला को विशेष वस्त्र धारण कराए गए हैं। इसके अलावा सोने चांदी के सुंदर आभूषण पहनाएं गए हैं। रामनवमी के विशेष पर्व पर भगवान को विशेष मुकुट, कुंडल, बाजू बंद, कमरबंद, गले का हार और पैजनिया पहनाई गई है।
श्री राम,जय राम, जय जय राम…#RamNavami की सभी को हार्दिक शुभकामनायें. pic.twitter.com/Y6R4sX6HjJ
— अंकित शुक्ल (@jankit003) April 17, 2024
आज के दिन भगवान श्री रामलला के सूर्य तिलक के लिए कई दिनों से तैयारियां की जा रही थीं। भगवान राम के सूर्य तिलक के लिए वैज्ञानिकों ने पेरिस्कोप जैसा यंत्र लगाया है। इस यंत्र के जरिए सूर्य की किरणों को भगवान श्री रामलला के ललाट पर लगभग 4 मिनट के लिए डाला गया। श्री रामलला के सूर्य तिलक का बीते दिनों टेस्ट भी किया गया था कि सूर्य की किरणें सीधे मस्तक पर ही पड़ रही हैं या नहीं।
#WATCH | ‘Surya Tilak’ illuminates Ram Lalla’s forehead at the Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya, on the occasion of Ram Navami.
(Source: DD) pic.twitter.com/rg8b9bpiqh
— ANI (@ANI) April 17, 2024
जिस पेरिस्कोप जैसे यंत्र को रामलला के सूर्य तिलक के लिए राम मंदिर के ऊपर स्थापित किया गया है, उसमें 4 लेंस और 2 शीशे भी भीतरी हिस्से में लगे हुए हैं। इन लेंस के जरिए सूर्य की रोशनी को बिना फैलाए एक बिंदु बनाया गया और फिर सूर्य की किरणों का वो बिंदु भगवान रामलला के मस्तक तक पहुंचाया गया। भगवान रामलला के सूर्य तिलक का ये आइडिया श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को पीएम नरेंद्र मोदी ने दिया था। इसके बाद ट्रस्ट ने वैज्ञानिकों को इसका तरीका खोजने के लिए कहा। आईआईटी रूड़की समेत देश के दो प्रतिष्ठित वैज्ञानिक संस्थानों ने तमाम गणित और सूर्य की दिशा तय करने के बाद पेरिस्कोप बनाया।