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Farmers Protest: सरकार और किसान नेताओं के बीच 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा, अब 15 जनवरी को होगी बातचीत

केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) का शुक्रवार को 44वां दिन हो गया है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के साथ किसानों का गतिरोध लगातार जारी है।

नई दिल्ली। केंद्र के नए कृषि सुधार कानूनों (New Agriculture Laws) के खिलाफ किसानों के आंदोलन (Kisan Andolan) का शुक्रवार को 44वां दिन हो गया है। कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर केंद्र सरकार के साथ किसानों का गतिरोध लगातार जारी है। किसान संगठनों और सरकार के बीच आज दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में बातचीत हुई। जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद रहे। 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रही। दोनों पक्ष अपनी-अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। अब केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी।

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8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा

सरकार और किसान नेताओं की 8वें दौर की बैठक भी बेनतीजा रहने के बाद अब अगले दौर की बातचीत 15 जनवरी को होगी। आज की बैठक करीब 3 घंटे चली। जो बेनतीजा रही। बता दें कि मीटिंग में सरकार ने किसानों को कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया है। बता दें कि कृषि मंत्री ने आज की वार्ता में समाधान निकलने की उम्मीद जताई थी।

कृषि मंत्री ने कहा 15 जनवरी को समाधान की उम्मीद

वहीं, किसान नेताओं से मुलाकात के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आज किसान यूनियन के साथ तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा होती रही परन्तु कोई समाधान नहीं निकला। सरकार की तरफ से कहा गया कि कानूनों को वापिस लेने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, परन्तु कोई विकल्प नहीं मिला। साथ ही उन्होंने कहा कि 15 जनवरी को होने वाली बैठक में समाधान की उम्मीद है।

अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्लाह ने कहा कि सरकान ने हमें कहा कि कोर्ट में चलो। हम ये नहीं कह रहे कि ये नए कृषि कानून गैर-कानूनी है। हम इसके खिलाफ हैं। इन्हें सरकार वापिस ले। हम कोर्ट में नहीं जाएंगे। हम अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

सरकार के साथ मुलाकात के बाद किसान नेता ने कहा कि 15 जनवरी को सरकार द्वारा फिर से बैठक बुलाई गई है। सरकार कानूनों में संशोधन की बात कर रही है, परन्तु हम क़ानून वापिस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।

विज्ञान भवन के बाहर लंगर वितरित किया गया, जहां केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच आठवें दौर की बातचीत चल रही है।

दिल्ली के विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता शुरू हो गई है। जिसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं।

दिल्ली के विज्ञान भवन में बैठक के लिए जाने से पहले किसान नेता। आज किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता होनी है।

दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसद और नेता ने पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से राहुल गांधी के आवास में मुलाकात की।

किसानों और सरकार की बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि उन्होंने अन्नदाता के साथ विश्वासघात किया है।

हरियाणा में केंद्र सरकार के साथ होने वाली आठवें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए।

किसान और केंद्र सरकार के बीच होने वाली 8वें दौर की वार्ता पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि मुझे पूरी आशा है कि किसान यूनियन के लोग सकारात्मक माहौल में चर्चा करेंगे और संभाव्यता हम लोग समाधान तक पहुंच पाएंगे।

किसान और सरकार की बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि पहले कि वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं। सरकार सुधार के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे। किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा।

कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “आज की बैठक में हम उम्मीद करते है कि आज शायद फैसला आ जाए, लेकिन अगर फैसला नहीं आया तो जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक हमारा आंदोलन बढ़ता रहेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।”


वहीं, आठवें दौर की बातचीत से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को दो टूक जवाब दिया है। बता दें कि सरकार के साथ किसान नेताओं की आठवें दौर की वार्ता से एक दिन पहले आंदोलनरत किसानों ने गुरुवार को ट्रैक्टर मार्च निकालकर शक्ति-प्रदर्शन किया। इस शक्ति प्रदर्शन के साथ-साथ किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार को यह चेतावनी भी दी है कि उनकी मांगें पूरी नहीं होने पर वे आंदोलन को और तेज करेंगे।

इसके अलावा बुधवार को किसानों ने दिल्ली एनसीआर से सटी सीमाओं पर अपना दम दिखाया। हजारों की संख्या में किसानों ट्रेक्टर मार्च निकाला और 26 जनवरी को होने वाली परेड का टीजर सरकार को दिखाया। साथ ही किसानों ने ये भी चेतावनी दी कि अगर साकार नहीं मानेगी तो आंदोलन 2014 तक चलेगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि आज हमारे किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकालकर ट्रेनिंग ली ताकि 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर रैली की परेड निकाली जा सके। 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर और टैंक एकसाथ चलेंगे। ट्रैक्टर 2 लाइन में चलेंगे और टैंक एक लाइन में चलेगा।