नई दिल्ली। मुसलमानों को आरक्षण देने की वकालत करने को लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए जनता से वोट के जरिए ऐसे लोगों को अस्वीकार करने की अपील की। वहीं समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव की राम मंदिर पर की गई टिप्पणी, जिसमें उन्होंने मंदिर को बेकार बताया है, के विरोध में योगी ने कहा, एसपी नेता के बयान से पता चलता है कि ये लोग वोट बैंक के लिए भारत की आस्था के साथ खेल रहे हैं।
#WATCH | Lucknow: On SP leader Ram Gopal Yadav’s remarks regarding Ram temple, Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, “Be it Samajwadi Party or Congress, the character of both of them is anti-Hindu and anti-Ram. These are the same people who opened fire on Ram devotees and who… pic.twitter.com/inhAhmz3ek
— ANI (@ANI) May 7, 2024
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एसपी नेता रामगोपाल यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा, समाजवादी पार्टी हो या कांग्रेस, दोनों का चरित्र हिंदू विरोधी और राम विरोधी है। ये वही लोग हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोली चलवाई थी। जो भगवान राम के अस्तित्व को नकारते हैं, उनसे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वे भारत की आस्था का सम्मान कर सकेंगे और भारत के राष्ट्रीय नायकों का सम्मान कर सकेंगे। उनके बयान से पता चलता है कि ये लोग वोट बैंक के लिए भारत की आस्था के साथ खेल रहे हैं।
#WATCH | Lucknow: On RJD chief Lalu Prasad Yadav’s statement regarding reservation, Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, “…This is what the Prime Minister is saying that the parties associated with INDI alliance, be it Congress, RJD, Samajwadi Party, they will try to disturb… pic.twitter.com/zC5dAq9grZ
— ANI (@ANI) May 7, 2024
वहीं लालू यादव के बयान पर योगी का कहना है, इंडी गठबंधन में जो भी दल हैं, चाहे वह कांग्रेस हो, आरजेडी हो, समाजवादी पार्टी हो, उन सबकी कोशिश है कि ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण को खत्म करके अपने खास वोट बैंक को दे दें, उनके घोषणापत्र में भी इसका उल्लेख है। योगी बोले, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार सत्ता में थी, उस समय आरजेडी और समाजवादी पार्टी दोनों उसके घटक थे, इन लोगों ने रंगनाथ मिश्रा समिति और सच्चर समिति का गठन किया था। रंगनाथ मिश्रा कमेटी ने मुसलमानों को 6 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की थी, जिसका उस समय भारतीय जनता पार्टी ने कड़ा विरोध किया था। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर धर्म के आधार पर आरक्षण के खिलाफ थे, इसलिए जनता को अपने वोट के जरिए इंडी गठबंधन को जवाब देना चाहिए और उन्हें अस्वीकार करना चाहिए।