नई दिल्ली। आज आंवला नवमी है। हिंदू पंचाग के मुताबिक, कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी कहा जाता है। इस दिवाली के 10 दिनों बाद मनाया जाता है। वैसे तो कार्तिक मास में स्नान का काफी महत्व होता है लेकिन आंवला नवमी के दिन स्नान करने से अक्षय प्राप्त होता है। इस दिन व्रत करने से सुख शांति और वंश वृद्धि का फल प्राप्त होता है।
आंवला नवमी व्रत को शादी-शुदा महिलाएं रखती हैं और कथा भी सुनती हैं। इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार 10 नवंबर 2021 (शुक्रवार) को ये पूजा होगी। आवंला नवमी के दिन भगवान विष्णु की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है।
आंवला नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त
अक्षय नवमी पूर्वाह्न समय – 06:41 ए एम से 12:05 पी एम
अवधि – 05 घण्टे 24 मिनट्स
नवमी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 12, 2021 को 05:51 ए एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – नवम्बर 13, 2021 को 05:31 ए एम बजे
आंवला नवमी महत्व
इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्न दान करने से हर मनोकामना पूरी होती है। अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने का नियम है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आंवले का वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है, क्योंकि इसमें लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए इसकी पूजा करना माना विष्णु लक्ष्मी की पूजा करना। इस दिन व्रत करने से शादीशुदा औरतों की सभी मनोकामना पूरी होती है। आंवला के पेड़ के नीचे साफ सफाई करके पूजा करें।