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Putrada Ekadashi 2021: जानें किस दिन है पुत्रदा एकादशी, संतान प्राप्ति के लिए जानें पूजा विधि

Putrada Ekadashi 2021: इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। सच्चे मन से उनकी पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं साथ ही अपने भक्तों तो मनवांछित फल देते हैं। मान्यता है कि सावन में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी पर अगर संतानहीन दंपत्ति भगवान विष्णु की पूजा करे तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।

नई दिल्ली। साल 2021 में पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) 18 अगस्त, बुधवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूरे विधि-विधान से पूजा की जाती है। सच्चे मन से उनकी पूजा करने से वो प्रसन्न होते हैं साथ ही अपने भक्तों तो मनवांछित फल देते हैं। मान्यता है कि सावन में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी पर अगर संतानहीन दंपत्ति भगवान विष्णु की पूजा करे तो उन्हें संतान की प्राप्ति होती है।

ऐसे में हम आपके लिए पुत्रदा एकादशी पर संतान प्राप्ति के लिए पूजा विधि लेकर आए हैं। जिसके कर आप संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु से अराधना कर सकते हैं। साथ ही पुत्रदा एकादशी पर व्रत करने से कई लाभ भी होता है।

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पुत्रदा एकादशी पूजा विधि

इसके बाद अगली सुबह यानी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानआदि करें फिर सवच्छ कपड़े पहन कर श्रीहरि का ध्यान करें। इसके बाद व्रत का संकल्प लें। पूजा के लिए भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे घी का दीपक जलाएं और उनकी पूजा करें। पूरे विधि-विधान के साथ कलश की स्थापना करें। फिर कलश को लाल कपड़े से बांधें। इसके बाद श्रीहरि की प्रतिमा को स्नान आदि करा कर नए वस्त्र पहनाएं। इसके बाद धूप-दीप से आरती करें।

पुत्रदा एकादशी पूजा का शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि प्रारम्भ – अगस्त 18, 2021 को 03:20 ए एम बजे

एकादशी तिथि समाप्त – अगस्त 19, 2021 को 01:05 ए एम बजे

पुत्रदा एकादशी महत्व

पुत्रदा एकादशी का मतलब पुत्र से होता है। संस्कृत शब्द ‘पुत्र’ से लिया गया है पुत्रदा नाम, जिसका अर्थ है ‘पुत्र’ और ‘अदा’ जिसका अर्थ है ‘देना’। इसका मतलब ये है कि इस व्रत को करने से पुत्र की प्राप्ति होती है। ऐसे में जिन दंपत्ति को पुत्र की प्राप्ती नहीं होती है तो वो ये व्रत कर सकते हैं। मान्यता है कि ये त्योहार विवाहित जोड़े द्वारा मनाया जाता है, जिनको विवाह के बाद भी काफी लंबे समय तक पुत्र नहीं होता है।