नई दिल्ली। आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ इस बार 11 जुलाई (रविवार) से शुरू हो रहे हैं। आषाढ़ नवरात्रि जून-जुलाई के समय में आते हैं। इस दौरान मां दुर्गा की 9 दिनों तक पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि साल में 4 बार आते हैं। पौष, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। देवी दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए वर्ष के सबसे पवित्र और सिद्ध दिन नवरात्रि के माने गए हैं। इन नौ दिनों में देवी अपने भक्तों और साधकों पर पूर्ण कृपा बरसाने को आतुर रहती है। जो लोग जीवन में धन, मान, सुख, संपत्ति, वैभव और सांसारिक सुखों को पाना चाहते हैं, उन्हें नवरात्रि में देवी के सिद्ध दिनों में साधना जरूर करना चाहिए।
अधिकांश लोग वर्ष की दो नवरात्रियों के बारे में ही जानते हैं। ये नवरात्रियां चैत्र और शारदीय नवरात्रि कहलाती हैं, लेकिन इन दो के अलावा दो और नवरात्रियां होती हैं जिन्हें गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त
आषाढ़ घटस्थापना रविवार, जुलाई 11, 2021 को
घटस्थापना मुहूर्त – 05:31 ए एम से 07:47 ए एम
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – जुलाई 10, 2021 को 06:46 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – जुलाई 11, 2021 को 07:47 ए एम बजे
गुप्त नवरात्रि का महत्व
देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह वर्ष में 4 बार नवरात्रि आती है और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेष कर तांत्रिक कियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है।
इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या-पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करना चाहिए।