newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Devuthani Ekadashi 2021: देवउठनी एकादशी के साथ होगा चातुर्मास महीने का समापन

Devuthani Ekadashi 2021: बता दें कि वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है, पंचांग की मानें तो चातुर्मास का आरंभ बीते 20 जुलाई 2021 को हुआ था। कहा जाता है कि चातुर्मास में किसी भी तरह का कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। 14 नबंवर 2021 को देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त होगा।

नई दिल्ली। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल देवउठनी एकादशी 14 नवंबर 2021, रविवार को मनाई जाएगी। मान्यता है कि भगवान विष्णु के निंद्रासन में जाने के साथ ही चातुर्मास की शुरुआत होती है, जो देवउठनी एकादशी पर खत्म होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। इसे देव प्रबोधिनी एकादशी और देवोत्थान एकादशी भी कहते हैं। कहा जाता है कि आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी देवशयनी एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने के लिए निंद्रासन पर चले जाते हैं, और चार महीने बाद देवउठनी एकादशी पर निंद्रासन से बाहर आते हैं। इसलिए इसे देवउठनी एकादशी कहा जाता है।

indra ekadashi2

चातुर्मास महीने का समापन

बता दें कि वर्तमान समय में चातुर्मास चल रहा है, पंचांग की मानें तो चातुर्मास का आरंभ बीते 20 जुलाई 2021 को हुआ था। कहा जाता है कि चातुर्मास में किसी भी तरह का कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किया जाता है। 14 नबंवर 2021 को देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्त होगा। मान्यता है कि चातुर्मास में भगवान विष्णु आराम करते हैं। जिस दिन भगवान विष्णु का शयन काल आरंभ हो जाता है, उसी एकादशी को देवशयनी एकादशी कहा जाता है। वहीं जिस दिन भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होता है, उस दिन पड़ने वाली एकादशी को देवउठनी एकादशी कहा जाता है। भगवान विष्णु का शयन काल समाप्त होते ही शुभ और मांगलिक कार्य भी शुरू कर दिए जाते हैं।

देवउठनी एकादशी तिथि

देवउत्थान एकादशी रविवार, नवम्बर 14, 2021 को
15 नवम्बर को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 01:10 पी एम से 03:19 पी एम
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 01:00 पी एम
एकादशी तिथि प्रारम्भ – नवम्बर 14, 2021 को 05:48 ए एम बजे
एकादशी तिथि समाप्त – नवम्बर 15, 2021 को 06:39 ए एम बजे