नई दिल्ली। आस्था का महापर्व छठ के चौथे दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया गया है। इसके साथ ही चार दिनों तक चले इस महापर्व का आज समापन हो गया है। गुरुवार सुबह से ही लोग घाटों पर पहुंचे और महापर्व के आखिरी दिन को उषा अर्घ्य दिन से भी जाना जाता है। इसे पारण भी कहते हैं। कहा जाता है कि इसी दिन उगते सूर्य को भी अर्घ्य देने के बाद छठ व्रत का पारण किया जाता है।
किया जाता है गाना बजाना
छठ पर्व के आखिरी दिन सुबह के समय से ही पटना, दिल्ली, गाजियाबाद में लोग नदी के घाटों पर पहुंच गए। इस दौरान कई जगहों पर व्रत करने वाले लोग उनके परिवार के लोग नदी के किनारे बैठकर उगते सूरज का इंतज़ार भी करते हैं। सूरज के उगते ही अर्घ्य अर्पित किया जाता है जिसके बाद व्रती लोग एक दूसरे को प्रसाद देकर बड़े बुजुर्गों का आशीर्वाद लेते है। आशीर्वाद लेने के बाद व्रती अपने घर पहुंचकर अदरक और पानी से अपना 36 घंटे का कठोर व्रत खोला।
#WATCH दिल्ली: छठ पूजा के आखिरी दिन श्रद्धालुओं ने यमुना नदी के ज़हरीले झाग के बीच डुबकी लगाई और सूर्य को अर्घ्य दिया। वीडियो दिल्ली के कालिंदी कुंज यमुना घाट से है। pic.twitter.com/S4gNvhcIaC
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 11, 2021
दिल्ली: श्रद्धालुओं ने छठ के आखिरी दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपना 36 घंटे लंबा व्रत तोड़ा। तस्वीरें दिल्ली के बिरला मंदिर छठ घाट से हैं। pic.twitter.com/HpggWGNMTP
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#WATCH दिल्ली: आज छठ का आखिरी दिन है। लोगों ने कालिंदी कुंज घाट में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। pic.twitter.com/mibFhRZOsE
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इस समय दिया गया उषा अर्घ्य
महापर्व के आखिरी दिन पूजा के चौथे दिन यानी 11 नवंबर 2021 को गुरुवार के दिन है। इस दिन सूर्योदय का समय सुबह 06:41 बजे रहा। उषा अर्घ्य अर्थात इस दिन सुबह सूर्योदय से पहले नदी के घाट पर पहुंचकर उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह अर्घ्य सूर्य की पत्नी उषा को दिया जाता है। मान्यता है कि विधि विधान से पूजा करने और अर्घ्य देने से सभी तरह की मनोकामना पूर्ण होती है।