नई दिल्ली। रक्षा बंधन का पर्व हर साल पूरे देश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन में इसकी तिथियों को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। कुछ लोग रक्षाबंधन 11 अगस्त को मनाना चाहते हैं, तो वहीं कुछ लोग 12 अगस्त को मनाना चाहते हैं। हमने इसे लेकर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य रामविलास चतुर्वेदी से बात की तो उन्होंने बताया कि ‘रक्षाबंधन 12 अगस्त को मनाना सबसे अधिक शुभ होगा, क्योंकि 11 अगस्त को पूर्णिमा लग रही है और पूर्णिमा के प्रारंभ होते ही भद्रा काल लग जाएगा। भद्राकाल में रक्षाबंधन करना निषेध माना गया है। रात के समय 8.32 पर भद्राकाल समाप्त हो जाएगा। इसके बाद बहनें अपने भाई की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। वहीं दूसरी ओर, 12 अगस्त को उदया तिथि पूरनमासी भी है, जो सवा 2 घंटे तक रहेगी। इस काल में राखी बांधना सर्वश्रेष्ठ है।
रक्षाबंधन की विधि-
1.राखी के पर्व के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सबसे पहले ठाकुर जी और सभी भगवानों का तिलक करके उन्हें राखी बांधें।
2.इसके बाद अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधें।
3.घर के दरवाजे पर स्वास्तिक बनाकर राखी बांधना काफी शुभ होता है। इससे घर में रोग-दोष प्रवेश नहीं कर पाते हैं। शत्रु दूर रहते हैं। घर का द्वार सभी प्रकार की बाधाओं और मुसीबतों से घर की रक्षा करता है।
4.भाइयों को उनकी राशि के अनुसार टीका लगाना काफी शुभ होता है।
5. टीका लगाने के बाद भाई को मिठाई जरूर खिलाएं।