नई दिल्ली। आज देशभर में देव दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है। ये दीपावली के 15 दिनों के बाद आता है। देश के कई राज्य खासतौर पर वाराणसी में बड़ी धूम-धाम से देव दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नाम के एक राक्षस का वध किया था और भगवान विष्णु जी ने मत्स्य अवतार लिया था। इसलिए इस दिन को देव दिवाली कहते हैं। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने और दीपदान करने का बहुत ही खास महत्व माना जाता है। पंचांग की मानें तो इस साल देव दिवाली 18 नवंबर को मनाई जा रही जबकि कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और इससे जुड़े सभी पूजा-पाठ 19 नवंबर को किए जाएंगे।
दिया जलाते हुए इन बातों का रखें ख्याल
— दीप दिवाली के दिन गंगा नदी में स्नान करें।
— अगर ऐसा संभव न हो तो नहाने के पानी में गंगाजल की बूंदें भी मिला लें। इससे गंगा नदी में स्नान करने जैसा ही फल मिलेगा।
— देव दिवाली के दिन सत्यनारायण की पूजा की जाती है।
— इस दिन तुलसी के पौधे के सामने दीया जरूर जलाएं।
— इसके अलावा पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी एक दीया जलाएं।
— देव दिवाली के दिन पूर्व दिशा की ओर दिया जलाएं। ऐसा करने से दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
— इस दिन दान भी करना चाहिए, ऐसा करने से जीवन में सौभाग्य आता है।