नई दिल्ली। ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की जाती है। जून माह में 24 तारीख को यह व्रत रखा जाएगा। इस दिन स्नान-दान का भी विशेष महत्व है। माना जाता है कि आज के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति का तन और मन, दोनों पवित्र हो जाते हैं और व्यक्ति के अंदर एक नई ऊर्जा का समावेश होता है।
पूर्णिमा तिथि आज रात 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। उसके बाद आषाढ़ कृष्णपक्ष की प्रतिपदा लग जायेगी। आज स्नान-दान-व्रतादि की पूर्णिमा है। इस पूर्णिमा को देव स्नान पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। साथ ही आज बिल्व त्रिरात्रि भी है। आज के दिन बिल्व पत्रों से उमा-महेश्वर, यानी भगवान शंकर की पूजा की जाती है।
— बिल्व त्रिरात्रि के दिन वैसे तो सुबह उठकर सरसों मिश्रित जल से स्नान करना चाहिए और बिल्ववृक्ष यानी बेलपत्र की विधिवत पूजा करके व्रत करना चाहिए और केवल एक बार भोजन करना चाहिए।
— अगर आप जीवन में अथाह धन लक्ष्मी की प्राप्ति करना चाहते हैं तो आज आपको खीर और घी के साथ बिल्व वृक्ष, यानी बेल के पेड़ की समिधाओं से हवन करना चाहिए। बिल्व वृक्ष की समिधाएं आपको किसी भी पंसारी की दुकान से आसानी से मिल जायेगी।
— अगर आप अपनी कोई इच्छा पूरी करना चाहते हैं तो आज आपको स्नान आदि के बाद बिल्व पत्रों से उमा-महेश्वर की विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। साथ ही मंत्र का जाप करना चाहिए। मंत्र है-‘ऊँ नमः शिवाय।‘
— अगर आप अपने कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं तो आज आपको स्नान आदि के बाद एक लोटे में जल लेना चाहिए और उसमें कुछ बेल पत्र डालने चाहिए। अब शिव मंदिर जाकर शिवलिंग पर वो जल अर्पित करना चाहिए।
— अगर आपका लवमेट आपकी किसी बात को लेकर आपसे नाराज़ चल रहा है तो उनकी नाराजगी को दूर करने के लिये आज स्नान आदि के बाद एक पात्र में जौ के दाने लेकर, पात्र समेत बिल्व वृक्ष के नीचे रख आयें और दो मिनट वहीं बैठकर भगवान शिव का ध्यान करें।