नई दिल्ली। 15 जुलाई 2023, शनिवार को सावन महीने की मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को शिव भक्त बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते हैं। धार्मिक शास्त्रों में इस बात का जिक्र किया गया है कि इसी दिन भोलेनाथ ने माता पार्वती की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर उनसे शादी की थी। ऐसे में जो भी भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करता है, व्रत रखता है तो उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। जिन लोगों की शादी हो चुकी है वो अगर अपने दांप्तय जीवन सुख पाना चाहते हैं तो उन लोगों को भी इस दिन शिव-पार्वती की पूजा और व्रत करना चाहिए। हालांकि इस पूजा के कई नियम भी हैं अगर इन नियमों को अनदेखा किया जाए तो शुभ की बजाय अशुभ फलों की प्राप्ति होती है। तो चलिए आपको बताते हैं सावन शिवरात्रि पर आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं…
सावन शिवरात्रि पर क्या करें
- सावन शिवरात्रि के दिन आपको सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
- भोलेनाथ का गंगा जल के बाद कच्चे दूध से अभिषेक करें।
- अब सामान्य जल में बेलपत्र और सुगंध मिलाकर भोलेनाथ को अर्घ्य दें।
- सावन शिवरात्रि पर आप पीतल के बर्तन में दही, शहद, दूध और पानी मिलाकर बनाए गए पंचामृत से भी भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
- महिलाएं पूजा करते समय मां पार्वती को हरी चूड़ियां और सिंदूर समेत श्रृंगार का सामान चढ़ाएं।
- तन के अलावा अपने मन को भी सवच्छ रखें।
- भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर भांग, धतूरा, बेलपत्र चढ़ाएं।
- कोशिश करें की सावन शिवरात्रि में ब्रह्मचर्य का पालन करें।
सावन शिवरात्रि पर क्या न करें
- सावन शिवरात्रि पर आप अन्न न खाए। जिन लोगों ने व्रत किया है वो शाम की आरती के बाद ही फलों का सेवन करें।
- दिन में एक समय ही फल ग्रहण करें।
- सावन शिवरात्रि के व्रत का पारण अगले दिन ही पूजा पाठ के बाद करें।
- सावन शिवरात्रि का व्रत रखा हुआ है तो दिन में सोने से बचें।
- तामसिक भोजन का सेवन करने बचे।
- तामसिक भोजन के अलावा सावन शिवरात्रि पर खट्टी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- शिवरात्रि की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करने की भी मनाही होती है। ऐसे में भूलकर भी तुलसी दल भोलेनाथ की पूजा में शामिल करें।
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