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Kumb Mela 2021 : ये नहीं किया तो हर की पैड़ी पर बसंत पंचमी को नहीं कर पाएंगे गंगा स्नान

Kumb Mela 2021 : 16 फरवरी 2021 को बसंत पंचमी है। बसंत को शरद ऋतु का अंत माना जाता है। इसी के बाद से ग्रीष्म ऋतु का भी प्रारंभ होता है। बसंत पंचमी के मौके पर तीर्थों में गंगा स्नान की परंपरा चली आ रही है। इस दिन श्रद्धालु गंगा समेत तमाम पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।

नई दिल्ली। बसंत को शरद ऋतु का अंत माना जाता है। इसी के बाद से ग्रीष्म ऋतु का भी प्रारंभ होता है। बसंत पंचमी के मौके पर तीर्थों में गंगा स्नान की परंपरा चली आ रही है। इस दिन श्रद्धालु गंगा समेत तमाम पवित्र नदियों में स्नान करते हैं। बसंत पंचमी में बड़े स्नान पर कुंभ नगरी हरिद्वार में भी तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं लेकिन कोविड के प्रकोप और चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना के बाद स्थानीय प्रशासन श्रद्धालुओं के आने से पहले और आने के बाद की व्यवस्थाओं को लेकर ज्यादा सतर्क है। क्योंकि इस दिन हर की पैड़ी पर गंगा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगेगा। बड़ी संख्या में लोग गंगा में डुबकी लगाने के लिए लोग दूर दराज़ से आएंगे। लोगों को अव्यवस्था का सामना न करना पड़े और श्रद्धालुओं को गंगा स्नान कराने के इंताजम करने में प्रशासन को आसानी हो लिहाज़ा स्नान क्षेत्र को 7 अलग-अलग ज़ोन और 20 सेक्टर्स में बांटा गया है।

kumbh-2019

हालांकि उत्तराखंड में कोविड को लेकर पहले से सर्तकता है लेकिन शाही स्नान को लेकर और भी कई गाइडलाइन्स दी गई हैं। आपको बताएं कि इससे पहले 11 फरवरी को अमावस्या वाले दिन भी हरिद्वार में पवित्र स्नान हुआ था। उस दौरान भी स्नानार्थियों की सुविधा को लेकर प्रशासन ने काफी सतर्कता बरती थी। दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर खास नजर रखी गई, ताकि कोविड काल में संक्रमण फैलने का खतरा कम से कम किया जा सके। चूंकि बसंत पंचमी का स्नान शाही स्नान होगा। इसलिए इस दौरान व्यवस्थाएं दुरुस्त रहें। लिहाज़ा अधिकारियों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं।

कोरोना काल में बरती जा रही है सतर्कता 

Coronavirus

बसंत पंचमी का स्नान करने वालों के लिए उत्तराखण्ड सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेशों और हाईकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक कोरोना (Covid 19) प्रोटोकॉल के तरत  स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर्स यानि SOP जारी की है। जिसका पालन करना अनिवार्य किया गया है। इतना ही नहीं, स्नान के दौरान इलाके में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध कर दिया गया है ताकि श्रद्धालुओं को ट्रैफिक जाम की समस्या का सामना न करना पड़े। दरअसल ये तैयारियां युद्ध स्तर पर इसलिए भी जा रही हैं क्योंकि आने वाले दिनों में हरिद्वार में कुंभ का आयोजन भी किया जाना है। कुंभ में शामिल होने वाले लोगों की तादाद के पैमाने पर इसे दुनिया का सबसे बड़ा आयोजन कहा जाता है। इस दौरान तमाम साधु संत और साधारण लोग शाही स्नान के लिए आते हैं। जिसकी तैयारियां आयोजक राज्य विशेष तौर पर कराते हैं।

कब-कब हैं शाही स्नान

kumbh

हालांकि अभी तक कुंभ महोत्सव 2021 (Kumbh 2021) मेले के लिए आधिकारिक रूप से घोषणा नहीं की गई है लेकिन स्थानीय प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। कुंभ का पहला शाही स्नान महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दौरान 11 मार्च को, दूसरा शाही स्नान सोमवती अमावस्या यानि चैत्र अमावस्या पर 12 अप्रैल को, तीसरा शाही स्नान बैसाखी (Baisakhi) पर 14 अप्रैल को और चौथा शाही स्नान (Sant Bath) चैत्र पूर्णिमा पर 27 अप्रैल को सम्पन्न होने हैं।

क्या है केंद्र सरकार की SOP

कोरोना महामारी के दौरान लोग इससे प्रभावित नहीं हों इसके लिए केंद्र सरकार ने स्नान के दौरान कुछ सावधानियां आवश्यक रूप से बरतने की गाइड लाइन्स जारी की हैं। जिसके अनुसार स्नान के लिए आने वालों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा, कोविड नेगेटिव होने की RT-PCR रिपोर्ट दिखानी होगी। ये रिपोर्ट 3 दिन से ज्यादा यानि 72 घंटों से पुरानी नहीं होनी चाहिए। इसी के साथ ही श्रद्धालु को अपनी मेडिकल रिपोर्ट और एक वैध पहचान पत्र भी ऑलनाइन सब्मिट करना होगा। जिसे उसे उत्तराखंड में आने के दौरान मूल रूप से दिखाना भी पड़ सकता है। कुंभ स्नान के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने के लिए http://www.haridwarkumbhmela2021.com पर लॉगिन करना होगा। सफलता पूर्वक रजिस्ट्रेशन होने के बाद मेला प्रशासन की ओर से पास जारी किया जाएगा।