नई दिल्ली। दिवाली का त्योहार खत्म होते ही अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है और गोवर्धन के अगले दिन भाई दूज का त्योहार। ये भाई- बहन का त्योहार (भाई दूज) है। इस दिन बहने अपने भाई को तिलक लगाती है। इस दौरान दोनों (भाई-बहन) एक- दूसरे से सुख- दुख में साथ निभाने का वचन भी देते हैं। भाई दूज का ये त्योहार कई जगहों पर यम द्वितिया के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक कथाओं के अनुसार, भाई दूज के पावन दिन पर ही यमुना नदी ने अपने भाई यमराज को घर बुलाया था और उनका तिलक किया था। तो चलिए आपको बताते बैं क्या है भाई दूज पर पूजा का शुर्भ मुहूर्त, कैसे करें पूजा, और क्या है पूजा की सामाग्री
ये है पूजा सामग्री
- आरती की एक थाली
- टीका और चावल
- नारियल, गोला (सूखा नारियल) और मिठाई
- दिया और धूप भी लें
- रुमाल या छोटा तोलिया लें
ये है भाई दूज 2021 शुभ मुहूर्त
इस साल भाई दूज का त्योहार 6 नवंबर 2021, दिन शनिवार को है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से दोपहर 3 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। शुभ मुहूर्त का समय 2 घंटे 11 मिनट तक रहेगा।
ये है पूजा विधि
- सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- अब आप घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित कर भगवान का ध्यान करें।
- आपको भगवान विष्णू और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए।
- भाई दूज के दिन भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है।
- आपको इस दिन भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाना चाहिए।
- अब भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं।
- अपने भाई को तिलक (टीका) लगाएं और भाई की आरती उतारें।
- अब अपने भाई के हाथ में कलावा बांधें और उसे मिठाई खिलाएं।
- मिठाई खिलाने के बाद अपने भाई को भोजन कराएं।
- इस दिन भाई को अपनी बहन को उपहार में कुछ न कुछ देना चाहिए।