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Chhath Puja 2022: पहली बार रख रही हैं छठ पूजा का व्रत?, ध्यान रखें ये विशेष बातें

Chhath Puja 2022: छठ-पूजा के भोग बनाने से लेकर पूजा तक काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। इस दिन जो लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं उन पर विशेष कृपा बरसती है। जो लोग पहली बार इस व्रत को रखने जा रहे हैं उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें…

नई दिल्ली। त्योहारों का सीजन शुरू हो चुका है। जल्द ही दीपावली का पर्व मनाया जाएगा और उसके कुछ दिनों के बाद ही छठ पूजा का व्रत रखा जाएगा। इस पर्व की शुरूआत नहाय खाय से होती है जो इस साल 28 अक्टूबर 2022 को पड़ रहा है। इस व्रत की गिनती हिंदू धर्म के अत्यंत कठिन व्रतों में होती है। छठ-पूजा के भोग बनाने से लेकर पूजा तक काफी सावधानी बरतनी पड़ती है। इस दिन जो लोग सूर्य को अर्घ्य देते हैं उन पर विशेष कृपा बरसती है। जो लोग पहली बार इस व्रत को रखने जा रहे हैं उन्हें कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आइए जानते हैं कौन सी हैं वो बातें…

1.सूर्य को अर्घ्य देने के लिए कभी भी स्टील के कलश का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

2.तांबे के लौटे से सूर्य को अर्घ्य देना काफी शुभ माना जाता है।

3.छठ-पूजा पर साफ-सफाई और पवित्रता का खास ख्याल रखा जाता है।

4.इसमें नहाय खाय से लेकर व्रत और इसके पारण करने तक पलंग या चारपाई पर सोना वर्जित माना जाता है।

5.व्रती को जमीन पर ही साफ कपड़ा बिछाकर सोना चाहिए।

6.छठ पूजा के एक दिन पहले और व्रत पारण के बाद तक लहसुन, प्याज से परहेज करना अनिवार्य होता है।

7.घर का कोई भी सदस्य छठ पूजा के एक दिन पहले और पारण के दिन तक तामसिक भोजन का सेवन नहीं कर सकता है।

8.पूजा में बनने वाले प्रसाद को बनाने के लिए काफी शुद्धता बरती जाती है।

9.प्रसाद का कोई भी सामान हाथ धोए बिना नहीं छूना चाहिए।

10.छठ पूजा की व्रती को चार दिनों तक केवल साफ और नए वस्त्र ही धारण करने चाहिए।

11.पूजा का सामान रखने के लिए बांस से बने सूप और टोकरी का ही इस्तेमाल करना ही शुभ माना जाता है।

12.पूजा में भूलकर भी स्टील या शीशे के बर्तन का प्रयोग न करें।

13.छठ पूजा का प्रसाद बनाने के लिए केवल गाय के शुद्ध घी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।