नई दिल्ली। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी यानी कल से आस्था का महापर्व छठ शुरू हो चुका है। ये त्योहार चार दिनों तक चलता है। आज इसके दूसरा दिन है, इस दिन खरना मनाया जाता है। खरना कार्तिक शुक्ल की पचंमी को मनाया जाता है। इसका मतलब है कि शुद्धिकरण, जिसे लोहंडा भी कहा जाता है। खरना के दिन खास प्रसाद बनाने की परंपरा है।
जानें खरना का समय
खरना इस महा पर्व का दूसरा दिन होता है। जो 9 नवंबर 2021 को मनाया जाएगा। इस दिन व्रत रखा जाता है और व्रती रात को पूजा करने के बाद गुड़ से बनी खीर खाकर 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू करते हैं। इसी दिन छठ पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है। शाम 5:45 से 6:25 बजे तक खरना है।
खरना का महत्व
इस दिन व्रती सूर्य देव और छठ मां की पूजा करते हैं और गुड़ की खीर का भोग लगाते हैं। आज खरना का प्रसाद बनाने की परंपरा है। इस दिन जो प्रसाद बनता है उसे नए चूल्हे पर बनाया जाता है। व्रती खीर को अपने हाथों से पकाते हैं। खरना के दिन व्रती महिलाएं सिर्फ एक ही समय भोजन करती हैं।