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Kartik Purnima 2021: कार्तिक पूर्णिमा पर जानिए स्नान, दान और पूजन का शुभ मुहूर्त

Kartik Purnima 2021: हर व्यक्ति को कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान जरूर करना चाहिए। स्त्रों के अनुसार, इस दिन फल, अनाज, वस्त्र और गुड़ आदि चीजों का दान किया जाना चाहिए। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। कहते हैं अगर इस दिन मां लक्ष्मी की प्रिय वस्तुओं मिठाई, दूध और नारियल का दान किया जाता है तो इससे धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

नई दिल्ली। ज्योतिष में पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक मास की पूर्णिमा को ही भगवान विष्णु के मत्स्यावतार का प्राकट्य हुआ था इसी कारण इस तिथि को खास महत्व दिया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में स्नान और दान करना शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म में इस दिन का खास महत्व होता है क्योंकि इसी दिन सिखों के प्रथम गुरु गुरुनानक देव का अवतरण हुआ था।

कार्तिक पूर्णिमा पर नदी में स्नान का ये है महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के किए गए पापों का अंत होता है। कहा ये भी जाता है कि इसी दिन स्वर्ग से देवतागण भी आकर गंगा में स्नान करते हैं ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान जरूर करना चाहिए। अगर आपका गंगा स्नान के लिए जाना संभव नहीं है तो घर पर ही पवित्र जल में गंगाजल को मिलाकर इससे स्नान कर सकते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर दान का ये है महत्व

हर व्यक्ति को कार्तिक पूर्णिमा के दिन दान जरूर करना चाहिए। स्त्रों के अनुसार, इस दिन फल, अनाज, वस्त्र और गुड़ आदि चीजों का दान किया जाना चाहिए। शास्त्रों में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित माना जाता है। कहते हैं अगर इस दिन मां लक्ष्मी की प्रिय वस्तुओं मिठाई, दूध और नारियल का दान किया जाता है तो इससे धन की देवी माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा तिथि 18 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से शुरू होकर, 19 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 28 मिनट पर खत्म होगी। पूर्णिमा तिथि के दिन स्नान का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 28 मिनट तक है। दान करने का शुभ समय 19 नवंबर को सूर्यास्त से पहले तक है।