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Rudraksh: जानें विविध प्रकार के रुद्राक्ष और उनके उपयोग, यहां पढ़ें महत्व

Rudraksh: रुद्राक्ष भगवान शिव को काफी प्रिय है। जो हिमालय के तराई क्षेत्र और नेपाल में पाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के फल का बीज होते हैं। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, इसका संबंध भगवान शिव से है।

नई दिल्ली। रुद्राक्ष भगवान शिव को काफी प्रिय है। जो हिमालय के तराई क्षेत्र और नेपाल में पाए जाने वाले एक विशेष प्रकार के फल का बीज होते हैं। पौराणिक मान्यता के मुताबिक, इसका संबंध भगवान शिव से है। शिव पुराण के अनुसार सालों की कई तपस्या में लीन शिव जी ने जब अचानक किसी कारणवश अपने नेत्र खोले। तो उनके नेत्र से आंसुओं की कुछ बूदं पर्वत पर गिरी, इन्हीं बूंदों से रुद्राक्ष के वृक्ष उत्पन्न हुए।

रूद्राक्ष अर्थ है रुद्र का अक्ष और शिव का अश्रु पड़ा। रूद्राक्ष एक से लेकर 21 मुखी तक होते हैं जिनका संबंध अलग-अलग देवी देवताओं से होता ही है। साथ ही इन रूद्राक्षों के फायदे भी अलग-अलग होते हैं, ऐसे में विविध प्रकार के रुद्राक्ष और उनके उपयोग और महत्व को यहां जानें-

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एक मुखी रुद्राक्ष

एक मुखी रुद्राक्ष को भगवान शंकर का स्वरूप माना जाता है। कहा जाता है शोहरत, पैसा, सफलता, धार्मिक काम में सफलता पाने के लिए लोगों को इसे धारण करना चाहिए।

दो मुखी रुद्राक्ष

दो मुखी रुद्राक्ष अर्द्धनारीश्वर का रूप है। कहा जाता है जो भी व्यक्ति दो मुखी रूद्राक्ष को पहनता है तो उसे सभी तरह की परेशानियों, बीमारियों और कर्ज से राहत मिलती है।

तीन मुखी रुद्राक्ष

तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि का स्वरूप माना गया है। कहते हैं जो भी व्यक्ति इसे पहनता है तो उसे सभी पापों से मुक्ति मिलती है साथ ही आत्म विश्वास और यश में भी बढ़ोतरी होती है।

चार मुखी रुद्राक्ष

चार मुखी रुद्राक्ष को ब्रह्मस्वरूप माना गया है। कहा जाता है इसे धारण करने से मानसिक बीमारियां खत्म होती है।

पांच मुखी रुद्राक्ष

कालाग्नि स्वरूप पांच मुखी रुद्राक्ष अकाल मृत्यु से बचाता है साथ ही उच्च पद और प्रतिष्ठा और मान सम्मान दिलाने में सहायक है।

छह मुखी रुद्राक्ष

छह मुखी रुद्राक्ष कार्तिकेय का स्वरूप होता है। इसे हमेशा दाहिने हाथ में धारण किया जाना चाहिए। आलस और नकारात्मक विचार दूर करने के लिए इसे धारण किया जाना चाहिए। सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी के लिए भी इसे पहनना चाहिए।

सात मुखी रुद्राक्ष

सात मुखी रुद्राक्ष कामदेव का स्वरूप माना जाता है। जिन लोगों को यौन समस्याओं, लीवर की परेशानी है उन्हें ये पहनना चाहिए।

आठ मुखी रुद्राक्ष

आठ मुखी रुद्राक्ष को गणेश और भगवान भैरव का प्रतीक माना जाता है। ये व्यक्ति में दुश्मनी, बाधाएं खत्म कर सद्गुण लाता है।

नौ मुखी रुद्राक्ष

नौ मुखी रुद्राक्ष मां देवी भगवती और शक्ति का प्रतीक है। ऐसे में जो भी व्यक्ति इसे पहनता है उसकी भक्ति और भाग्य में बढ़ोतरी होती है।

दस मुखी रुद्राक्ष

दस मुखी रुद्राक्ष दशों दिशाओं और यम का प्रतीक होता है। ये भूतशांति, ग्रहशांति, प्रेतआत्माओं से छूटकारा दिलाने में सहायक है।

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष

ग्यारह मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान रुद्र का स्वरूप है। इससे धारण करने पर लाभ, सम्मान और मन की शांति मिलती है।

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बारह मुखी रुद्राक्ष

बारह मुखी रुद्राक्ष सूर्य, अग्नि और तेज का प्रतीक है ये व्यक्ति को बीमारियों से दूर बनाए रखता है। इसके अलावा स्वास्थ्य, सुख और वैभव भी प्राप्ति करवाता है।

तेरह मुखी रूद्राक्ष

तेरह मुखी रूद्राक्ष को विजय और सफलता का प्रतीक माना जाता है। सामाजिक प्रतिष्ठा, आत्मविश्वास और मनोबल बढ़ाने में ये रूद्राक्ष सहायक होता है।

चौदह मुखी रुद्राक्ष

चौदह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शंकर का प्रबुद्ध स्वरूप माना जाता है ये रूद्राक्ष कुंडलिनी जागृत करने में सहायक होता है।