नई दिल्ली। आज महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) है। महावीर जयंती जैन धर्म का प्रमुख त्योहार है। भगवान महावीर के जन्म का उत्सव मनाने के लिए महावीर जयंती मनाई जाती है। जो हर साल चैत्र मास की शुक्ल पक्ष को मनाई जाती हैं। जैन धर्म के 24वें तीर्थकर महावीर की जयंती मनाई जाती है।
इस दिन को लेकर जैन धर्म में मान्यता है कि महावीर का जन्म ईसा से 599 साल पहले बिहार के कुंडग्राम में हुआ था। भगवान महावीर ने 12 सालों तक कठोर तप किया था जिससे उन्हें इन्द्रियों पर विजय प्राप्त हुई थी। दीक्षा लेने के बाद भगवान महावीर ने दिगंबर स्वीकार कर लिया। दिगंबर लोग आकाश को ही अपना वस्त्र मानते हैं इसलिए वस्त्र धारण नहीं करते हैं।
भगवान महावीर ने समाज कल्याण के लिए काफी काम किया। उन्होंने अपने अनमोल विचारों से जनमानस को प्रेरणा दी। आज उनकी जयंती में जानें कुछ अनमोल विचार।
भगवान महावीर ने कहा कि हर एक जीवित प्राणी के प्रति दया रखो। घृणा से विनाश होता है।
हर व्यक्ति अपने स्वयं के दोष की वजह से दुखी होते हैं और वे खुद अपनी गलती सुधार कर प्रसन्न हो सकते हैं।
खुद पर विजय प्राप्त करना लाखों शत्रुओं पर विजय पाने से बेहतर है।
स्वयं से लड़ो , बाहरी दुश्मन से क्या लड़ना ? वह जो स्वयम पर विजय कर लेगा उसे आनंद की प्राप्ति होगी।
आत्मा अकेले आती है अकेले चली जाती है, न कोई उसका साथ देता है न कोई उसका मित्र बनता है।
आपात स्थिति में मन को डगमगाना नहीं चाहिये।
आपकी आत्मा से परे कोई भी शत्रु नहीं है। असली शत्रु आपके भीतर रहते हैं, वो शत्रु हैं क्रोध, घमंड, लालच, आशक्ति और नफरत।