नई दिल्ली। इस साल विवाह पंचमी (Vivah Panchami) 8 दिसंबर बुधवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान राम (Lord Rama) और माता सीता (Mother Sita) का विवाह हुआ था। यही कारण है कि इस दिन को राम और सीता के विवाह की वर्षगांठ के रुप में मनाया जाता है। हिंदी पंचांग के मुताबिक, हर साल मार्गशीर्ष माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को विवाह पंचमी मनाई जाती है। विवाह पंचमी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। विवाह पंचमी के मौके पर देशभर में उत्स्व मनाया जाएगा। मंदिरों में इस पर्व को काफी धूम-धाम से मनाया जाता है। साथ ही घरों में भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है।
विवाह पंचमी की पूजा विधि
— विवाह पंचमी के दिन सुबह-सुबह उठ कर स्नानआदि करें।
— इसके बाद सूर्य देव को जल अपर्ति करें।
— फिर एक चौकी पर भगवान राम और माता सीता की प्रतिमा स्थापित करें।
— फल, फूल, दीप और दूर्वा के साथ उनका पूजन करें।
— इस दिन रामचरितमानस और रामायण का पाठ करना चाहिए।
— अंत में श्रीराम की आरती करें और पूजा का प्रसाद बांट दें।
विवाह पंचमी को माना जाता है अशुभ
विवाह पंचमी के दिन भगवान राम और माता सीता का स्वंयवर में विवाह हुआ था। इस दिन को उनकी शादी की सालगिरह के रुप में मनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुराणों में इस दिन को विवाह के हिसाब से अशुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन ग्रह स्थितियां ठीक होने के बाद भी इस दिन विवाह नहीं किया जाता। क्योंकि माता सीता का वैवाहिक जीवन दुख से भरा था इसलिए ये दिन शादी के हिसाब से अशुभ माना जाता है।