नई दिल्ली। इस साल अधिकमास (Adhik Maas) 18 सितंबर से शुरू हो गया है। अधिकमास को मलमास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है। मलमास की शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की एकादशी (Ekadashi) को पद्मपुराण (Padmapuran) में कमला एकादशी (Kamala Ekadashi) के नाम से जाना जाता है। पुरुषोत्तम मास में पड़ने के कारण इसे पुरुषोत्तम एकादशी (Purushottam Ekadashi) भी कहा जाता है।
इस बार यह शुभ तिथि 27 सितंबर दिन रविवार को है। हिंदू धर्म में व्रत यानि उपवास रखना एक श्रेष्ठ कर्म माना गया है। व्रत रखने से सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि होती है और स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मदद मिलती है। व्रत में की जाने वाली पूजा और उपासना सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करती है। मान्यता के अनुसार सभी व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ माना गया है।
पुरुषोत्तम एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार पद्मिनी एकादशी का व्रत 27 सितंबर 2020 यानि कल है। एकादशी की तिथि का आरंभ 26 सितंबर की रात 9 बजकर 40 मिनट पर हो रहा है। मान्यता है कि एकादशी का व्रत उसी दिन से आरंभ होता है जिस दिन से एकादशी की तिथि शुरू होती है। हर साल 24 एकादशी पड़ती हैं लेकिन इस बार अधिक मास जुड़ जाने से 26 एकादशी हो रही है।
– पुरुषोत्तम एकादशी तिथि प्रारंभ 26 सितंबर की रात 09 बजकर 40 मिनट पर
– पुरुषोत्तम एकादशी तिथि समाप्त 26 सितंबर की रात 09 बजकर 25 मिनट पर
– पुरुषोत्तम एकादशी पारणा मुहूर्त: 28 सितंबर 2020 को प्रात: 06 बजकर 12 मिनट 41 सेकंड से प्रात: 08 बजकर 36 मिनट 09 सेकेंड तक।
पुरुषोत्तम एकादशी पूजा विधि
27 सितंबर 2020 को सुबह सूर्य उदय से पूर्व स्नान करने के बाद पूजा शुरू करना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन विष्णु पुराण का पाठ करना चाहिए। एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा सभी प्रहर में की जाती है। मान्यता है कि एकादशी व्रत में प्रथम प्रहर में नारियल, दूसरे प्रहर में बेल, तीसरे प्रहर में सीताफल और चौथे प्रहर में नारंगी और सुपारी भगवान को भेंट की जाती है।