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Shardiya Navratri 2023: मां भगवती के सम्मान में अहमदाबाद में रखा गया ‘तलवार रास”, बुलेट पर तलवार लहराती दिखीं राजपूती महिलाएं

Shardiya Navratri 2023: आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज माता कुष्मांडा के रूप की पूजा की जाती है। माता कुष्मांडा को ब्रह्मांड की जननी कहा जाता है, उन्हीं की वजह से हर वस्तु में जान है

नई दिल्ली। पूरे देश में नवरात्रि की धूम है और हर कोई माता रानी की पूजा और आराधना पूरी भक्ति के साथ कर रहा है लेकिन जहां बात नवरात्रि की होती है, वहां गरबा को कैसे भूला जा सकता है। गुजरात में माता रानी के स्वागत के साथ उनको खुश करने के लिए गरबा का आयोजन होता है। अहमदाबाद में गरबा बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। अहमदाबाद के अलावा देश के बाकी हिस्सों में गरबे का आयोजन होता है। अब गरबे की ऐसी वीडियो सामने आई है जिसे देखकर आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे। वीडियो को देखकर आप महिला के साहस की दाद देंगे। तो चलिए जानते हैं कि वीडियो में क्या खास है।


माता रानी के सम्मान में ‘तलवार रास

गरबा का ये वीडियो अहमदाबाद के राजकोट के राजवी पैलेस में है, जहां बुलेट पर बैठी महिला हाथ में तलवार लिए लहरा रही है। महिला एक हाथ से बुलेट चला रही है और दूसरे हाथ से तलवार लहरा रही है। महिला ने राजपूती पोशाक पहन रखी है। महिला का ये शानदार करतब देखकर हर कोई हैरान है। महिलाओं ने माता रानी के सम्मान में ‘तलवार रास’ का प्रदर्शन किया। वहां मौजूद सभी लोगों ने महिलाओं का हौसला बढ़ाया और खूब तालियां भी बजाई। उन दौरान वहां गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी थे।


चौथे दिन माता के किस स्वरूप की होती है पूजा

आज नवरात्रि का चौथा दिन है और आज माता कुष्मांडा के रूप की पूजा की जाती है। माता कुष्मांडा को ब्रह्मांड की जननी कहा जाता है, उन्हीं की वजह से हर वस्तु में जान है। माता रानी की आठ भुजाएं होती हैं और भुजाओं में अस्त्र-शस्त्र होते हैं। कहा जाता है कि जब संसार की उत्पत्ति नहीं हुई थी और चारो तरफ अंधकार था, तब माता कुष्मांडा ने धरती की रचना की थी।  कुष्मांडा माता को अष्टभुजी माता भी कहा जाता है क्योंकि इनकी आठ भुजाएं हैं। मां  कुष्मांडा की पूजा कर मनुष्य कष्टों और पापों से मुक्ति पा सकता है। देश भर के मंदिरों में माता कुष्मांडा की पूजा-अर्चना हो रही है।


कैसे करें माता कुष्मांडा की पूजा

माता कुष्मांडा को पीला रंग बहुत पसंद है। इसलिए मां को पीले फूल, पीला चंदन और और पीले वस्त्र भेट कर सकते हैं। माता की आराधना के समय ओम बृं बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप करें और पान का पत्ता भी अर्पण करें। आप भी माता रानी की पूजा के दौरान पीले वस्त्र धारण कर सकते हैं।