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Sita Navami 2022: आज मनाया जाएगा सीता जन्मोत्सव, मिथिला समाज कर रहा ये तैयारियां

Sita Navami 2022: माता सीता, जिनकी वजह से श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम बने, उनके जन्म के विषय में बहुत कम लोग जानते होंगे। कहा जाता है कि माता सीता का प्राकट्य वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था

नई दिल्ली। देश में हर साल भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव रामनवमी के त्योहार के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं माता जानकी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाने वाला दिन और पर्व कौन सा है? श्री राम की अर्धांगिनी माता सीता, जिनकी वजह से श्री राम मर्यादा पुरुषोत्तम बने, उनके जन्म के विषय में बहुत कम लोग जानते होंगे। कहा जाता है कि माता सीता का प्राकट्य वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को हुआ था, इसलिए इसे सीता नवमी या जानकी जयंती के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष ये शुभ दिन आज यानी 10 मई, मंगलवार को है। स्त्री-सशक्तिकरण का सबसे बड़ा उदाहरण रही मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर माता सीता आज भी उपेक्षित हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए वैदेही फाउंडेशन अपने स्थापना वर्ष 2016 से लगातार माता सीता का प्राकट्य दिवस समारोह का आयोजन कर रही है। इस संस्था ने इस बार ये उत्सव आईटीओ स्थित हिंदी भवन सभागार में मनाने का निर्णय किया है।

इस कार्यक्रम के दौरान देशभर से चुनी गई कुल पांच विभिन्न विधाओं में पारंगत और समाज में अपने कार्यों से उत्कृष्ट योगदान देने वाली स्त्री शक्ति को वैदेही-स्त्री शक्ति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। वैदेही अंतर्राष्ट्रीय उत्सव 10 से लेकर 16 मई तक मनाया जाएगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (IGNCA)  परिसर में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में कई विभिन्न देशों और भारत के विभिन्न प्रांतों के चुने हुए कलाकारों द्वारा सीता के विभिन्न रूपों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसके अलावा पुराणों में वर्णित स्त्री सशक्तिकरण पर आधारित एक विशिष्ट फैशन शो और शास्त्रीय मैथिली संगीत कार्यक्रम का भी आयोजन किया जाएगा। इस कार्यक्रम में मिथिला की विशिष्ट सामग्रियों के स्टॉल भी लगाए जाएंगे।

इतना ही नहीं, सात दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में ‘सीता वनवास’ नाटक का मंचन और एक बहुभाषीय कवि सम्मेलन का भी आयोजन किया जाएगा। बता दें, एक और संस्था मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने भी मंगलवार को शीशमहल वाटिका, किरारी, दिल्ली में सीता नवमी मनाने का निर्णय लिया है। सुबह 10 बजे से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम का समापन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ किया जाएगा।