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Ganesh Chaturthi 2022: इस गणेश चतुर्थी पर बन रहे ये शुभ संयोग, पूजा का पूरा फल पाने के लिए जरूर शामिल करें ये खास चीजें

Ganesh Chaturthi 2022: इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होने के साथ जीवन के सारे विघ्न भी दूर होते हैं। आइए आपको इसके शुभ मुहूर्त के साथ इससे संबंधित कुछ विशेष बातों के बारे में बताते हैं…

नई दिल्ली। हिंदू धर्म में मनाए जाने वाले बड़े त्योहारों में से एक है गणेश चतुर्थी का त्योहार। भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाने वाला ये पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पड़ता है। इस बार ये तिथि कल यानी 31 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन घरों और मुहल्लों में बड़े-बड़े पांडाल सजाकर कर उसमें गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापित की जाती है और इसके ठीक 10 दिन बाद अनंत चतुर्दशी, जो 9 सितंबर को पड़ेगी, के दिन धूम-धाम से मूर्ति विसर्जन कर जल्दी आने की कामना कर भगवान को विदा किया जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन सच्चे मन से विघ्नहर्ता की पूजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होने के साथ जीवन के सारे विघ्न भी दूर होते हैं। आइए आपको इसके शुभ मुहूर्त के साथ इससे संबंधित कुछ विशेष बातों के बारे में बताते हैं…

गणेश चतुर्थी पर बनने वाले खास संयोग

गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार के दिन पड़ने से इसके खास संयोग बन रहे हैं। गणेश चतुर्थी पर सुबह 05 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर मध्यरात्रि 12 बजकर 12 मिनट तक रवि योग रहेगा। साथ ही सूर्य सिंह राशि में, शनि मकर राशि में, बुध कन्या राशि और गुरु मीन राशि में उपस्थित रहेंगे। इसका अर्थ ये है कि चारो ग्रह अपनी राशि में ही विराजमान रहेंगे। इसके अलावा, इस दिन भद्रा नक्षत्र का भी साया रहेगा, जो सुबह 05 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर दोपहर 03 बजकर 22 मिनट तक लगा रहेगा।

पूजा का शुभ-मुहूर्त

इस दिन चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 30 अगस्त को 03 बजकर 33 मिनट पर हो जाएगा, जो 31 अगस्त की दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक बना रहेगा। वहीं, गणेश स्थापना का शुभ मुहूर्त 31 अगस्त की सुबह 11 बजकर 05 मिनट से 01 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। गणेशोत्सव के समापन के दिन यानी अनंत चतुर्दशी की बात करें तो इसका शुभ मुहूर्त 9 सितंबर, शुक्रवार को किया जाएगा।

गणेश चतुर्थी पूजा की सामग्री-लिस्ट

गणेश चतुर्थी की पूजा में गणेश की प्रतिमा, गंगाजल, लाल कपड़ा, धूप, दीप, कपूर, फूल, जनेऊ, दूर्वा, कलश, नारियल, पंचमेवा, मोदक, रोली, पंचामृत, मौली, फल, सुपारी, लाल चंदन आदि चीजों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है।