नई दिल्ली। सौभाग्य सुंदरी का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती है। महिलाएं अपने पति और बच्चे की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती है। इस साल सौभाग्य सुंदरी व्रत दो योग में पड़ रहा है एक शिव योग और दूसरा सिद्ध योग है। 11 नवंबर को शिव योग सुबह से शुरू होकर रात के 09 बजकर 30 मिनट तक है। ऐसे में महिलाएं इस दिन मां पार्वती की पूजा उपासना करके उन्हें प्रसन्न करती है। और उन्हें खुश करती है। मैं गौरी के लिए मंत्रो का जाप करती है। आइए हम आपको बताते है कि सौभाग्य सुंदरी का व्रत के पूजा की विधि और इसको करने के क्या है उपाय-
पूजा विधि-
सौभाग्य सुंदरी का व्रत करने वाली महिलाओं को सबसे पहले सुबह उठकर नहाने के बाद मंदिर को साफ कर लेना चाहिए। इसके बाद एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछा कर उसमें भगवान शिव और गौरी मां की फोटो को रख देना चाहिए। इसके बाद दोनों को गंगा जल से स्नान कराना चाहिए उसके बाद व्रती महिलाएं उनको रोली या कुमकुम लगाकर उनपर सुपारी और चावल अर्पित करें। पूजा के वक्त माता पार्वती को श्रृंगार भेंट में चढ़ाए। इसके बाद मंत्र का जाप करें और भगवान शिव और मां पार्वती का ध्यान करें।
व्रत रखने का कारण
इस सौभाग्य सुंदरी का व्रत कुंवारी लड़की और शादी शुदा महिलाओं दोनों के लिए काफी शुभ माना गया है। अगर महिलाएं या कन्या इसे पूरे आस्था के साथ इस व्रत को करती है तो मां गौरी का पूरा आशीर्वाद मिलता है। ऐसे में शादी सुदा महिलाओं को मां गौरी का आर्शीर्वाद मिलता हैं। साथ ही उनके जोड़े को भी भगवान शिव और पार्वती के जोड़े की तरह हमेशा सुखी रहता है। महिलाएं सदैव सुहागिन रहती है और दोनों पति-पत्नी के बीच सारे मतभेद दूर होते है।