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Utpanna Ekadashi 2020: इस दिन है उत्पन्ना एकादशी, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

Utpanna Ekadashi 2020: इस साल उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) 10 दिसंबर को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का काफी महत्व है। वैसे तो हर एकादशी का अपना महत्व होता है। लेकिन ये मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है।

नई दिल्ली। इस साल उत्पन्ना एकादशी (Utpanna Ekadashi) 10 दिसंबर को पड़ रही है। हिंदू धर्म में इस एकादशी का काफी महत्व है। वैसे तो हर एकादशी का अपना महत्व होता है। लेकिन ये मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा की जाती है। जो सच्चे मन से इसे मनाता है भगवान विष्णु की उनपर कृपा बनी रहती है।

उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त

उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त 11 दिसंबर को सुबह 5 बजकर 15 मिनट से सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक है। वहीं, शाम की पूजा के लिए 5 बजकर 43 मिनट से 7 बजकर 3 मिनट तक है। इसके अलावा पारण का समय 12 दिसंबर को शनिवार सुबह 6 बजकर 58 मिनट से सुबह 7 बजकर 2 मिनट तक है।

उत्पन्ना एकादशी का महत्व

एकादशी का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना गया है। इन सभी में उत्पन्ना एकादशी का अपना अलग ही महत्व है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है और इस दिन उनकी पूजा विधि विधान से की जाती है। इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी इसलिए पड़ा क्योंकि इस दिन देवी एकादशी उत्पन्न हुई थी। यह बात बहुत ही कम लोग जानते हैं लेकिन यह देवी भगवान विष्णु द्वारा उत्पन्न हुई थीं, इसलिए उनका नाम उत्पन्ना पड़ा था। तभी से एकादशी व्रत शुरु हुआ था। इस एकादशी के पीछे एक पौराणिक कथा बताई गई है, जिसे व्रत के बाद पढ़ने से ही व्रत पूर्ण माना जाता है।

उत्पन्ना एकादशी का इतिहास

एकादशी व्रत कथा व महत्व के बारे में जानते हैं। हर मास की कृष्ण व शुक्ल पक्ष को मिलाकर दो एकादशियां आती हैं। यह भी सभी जानते हैं कि इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। लेकिन यह बहुत कम जानते हैं कि एकादशी एक देवी थी जिनका जन्म भगवान विष्णु से हुआ था। एकादशी मार्गशीर्ष मास की कृष्ण एकादशी को प्रकट हुई थी जिसके कारण इस एकादशी का नाम उत्पन्ना एकादशी पड़ा। इसी दिन से एकादशी व्रत शुरु हुआ था। हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक महत्व है।