newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Mokshada Ekadashi 2021: कब है मोक्ष प्रदान करने वाली मोक्षदा एकादशी, पढ़ें व्रत कथा और मंत्र

नई दिल्ली। मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) जैसा कि इसके नाम से समझ में आता है कि ये मोक्ष देने वाली एकादशी है। मोक्षदा एकादशी को लेकर कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत करता है उसके हर पाप का नाश होता है साथ ही कहा जाता …

नई दिल्ली। मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi 2021) जैसा कि इसके नाम से समझ में आता है कि ये मोक्ष देने वाली एकादशी है। मोक्षदा एकादशी को लेकर कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन विधि-विधान के साथ पूजा और व्रत करता है उसके हर पाप का नाश होता है साथ ही कहा जाता है मोक्षदा एकादशी का व्रत (Mokshada Ekadashi Vrat 2021) रखने से पितरों को भी बैकुंठ की प्राप्ति होती है। इस बार मोक्षदा एकादशी 14 दिसंबर यानी कल पड़ रही है। मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi) में भगवान विष्णु के मंत्रों का खास महत्व होता है। कहते हैं इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप (Bhagwan Vishnu Mnatra Jaap) करने से हर मनोकामना पूरी होती है। हर एक मंत्र का अपना एक उद्देश्य होता है, ऐसे में उसके जाप से सिद्धी होती है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप तुलसी की माला से किया जाना चाहिए क्योंकि भगवान विष्णु को तुलसी अत्यंत प्रिय है। मंत्रों के जाप करते समय इस बात का भी खास ख्याल रखना चाहिए कि आपको तन, मन और शब्दों का सही उच्चारण भी करना होता है। तो चलिए आपको बताते हैं विष्णु जी के मंत्रों और कथा के बारे में…

विष्णु मंत्र (Vishnu Mantra)

धन और समृद्धि के लिए करें इस मंत्र का जाप

ओम भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।
ओम भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।

विष्णु गायत्री मंत्र: सुख और शांति के लिए करें जाप

ऊं नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
श्री विष्णु भगवते वासुदेवाय मंत्र
ओम नमोः भगवते वासुदेवाय॥

विष्णु कृष्ण अवतार मंत्र:

श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे।
हे नाथ नारायण वासुदेवाय।।

विष्णु रूपं पूजन मंत्र

शांताकारम भुजङ्ग शयनम पद्म नाभं सुरेशम्।
विश्वाधारं गगनसद्र्श्यं मेघवर्णम शुभांगम्।
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनम योगिभिर्ध्यान नग्म्य्म।
वन्दे विष्णुम भवभयहरं सर्व लोकेकनाथम्।

मंगल श्री विष्णु मंत्र

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरीकाक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

यहां बता दें कि विष्णु जी के इन मंत्रों का जाप करने से पहले उनकी पूजा जरूर करनी चाहिए। विष्णु जी के आगे जो दीपक जलाया जाता है उमें घी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। मंत्र जाप के लिए ध्यान केंद्रित होगा भी आवश्यक है।

यहां पढ़ें मोक्षदा एकादशी की व्रत कथा (MOkshada Ekadashi Vrat Katha)

पौराणिक कथा के मुताबिक, गोकुल में वैखानस नाम के राजा राज्य था। एक रात राजा वैखानस सपने में देखते हैं कि उनके पिता मृत्यु के बाद नरक की यातनाएं झेल रहे हैं। जब राजा सपने में पिता की ऐसी हालत को देखते हैं तो उन्हें काफी दुख होता है। ऐसे में जब सुबह होती है तो राजा वैखानस राज पुरोहित को बुलाते हैं और उनसे पिता की मुक्ति का मार्ग पूछते हैं। जब पुरोहित रास्ता बताते हैं तो राजा वैखानस पर्वत महात्मा के आश्रम पहुंचते हैं और पिता की मुक्ति का रास्ता पूछते हैं। महात्मा पर्वत राजा वैखानस को बताते हैं कि उनके पिता ने अपने पिछले जन्म में एक पाप किया था, जिस कारण वो नर्क की यातनाएं को भुगत रहें हैं। वहीं, जब राजा वैखानस ने महात्मा पर्वत से इस पाप से मुक्ति के बारें में पूछा, तो महात्मा उन्हें बताते हैं कि मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोक्षदा एकादशी का विधि पूर्वक व्रत और पूजन करें। महात्मा पर्वत ने राजा वैखानस को बताया कि इस एकादशी का व्रत को करने से ही उनके पिता को मु्क्ति मिलेगी। महात्मा के वचनों का अनुसरण करते हुए अनुसार राजा ने मोक्षदा एकादशी का व्रत और पूजा सच्चे और पवित्र मन से करते हैं।  व्रत और पूजन के पुण्य प्रभाव से राजा के पिता जो कि नर्कोक की यातनाएं झेल रहें होते हैं उन्हें मुक्ति मिलती है। उनकी मुक्त आत्मा राजा को आशीर्वाद देती है।

Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी केवल मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Newsroom post किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता। ऐसे में किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।