मुंबई। हिंडेनबर्ग रिसर्च के बाद अब जॉर्ज सोरोस के फंड से चलने वाले ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (ओसीसीआरपी) ने अडानी ग्रुप पर छिपाकर विदेशी निवेश लेने का आरोप लगाया है। अडानी ग्रुप ने इस आरोप को निराधार बताया है। खबरों में जॉर्ज सोरोस की संस्था की ओर से लगाए गए ताजा आरोपों पर अडानी ग्रुप ने बयान जारी किया है। अडानी ग्रुप ने कहा है कि सोरोस के पैसे से चलने वाले विदेशी मीडिया का एक हिस्से ने पहले हिंडेनबर्ग रिपोर्ट के आधार पर गलत आरोप लगाए। अडानी ग्रुप ने कहा है कि मीडिया में पिछले हफ्ते से ही खबरें आ रही थीं और पहले ही लग रहा था कि अब फिर नई तोहमत लगाई जा सकती है।
अडानी ग्रुप ने बयान में कहा है कि स्वतंत्र अथॉरिटी और अपील के लिए ट्रिब्यूनल ने पहले ही कहा है कि हमने कोई ओवर वैल्युएशन नहीं की और कानून के मुताबिक ही सभी लेन-देन किए गए हैं। अडानी ग्रुप ने अपने बयान में कहा है कि अभी नियामक का काम जारी है और सुप्रीम कोर्ट और सेबी दोनों ही हम पर लगे आरोपों को देख रहे हैं। अडानी ग्रुप ने ताजा आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उसे कानून पर भरोसा है। ग्रुप ने कहा है कि उसने जो भी जानकारी दी है, वो सही है और कॉरपोरेट जगत के स्टैंडर्ड की है। अडानी ग्रुप ने छिपाकर विदेशी निवेश लेने के आरोपों पर कहा है कि इनकी टाइमिंग शक पैदा करती है और बताती है कि ग्रुप की छवि खराब करने के लिए आरोप लगाए गए हैं।
अडानी ग्रुप ने अपने बयान में आगे लिखा है कि मार्च 2023 में ही सुप्रीम कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है। न हमने अपने शेयर के दाम बढ़ाकर बताए और किसी भी फाउंडेशन का हमपर फंड के ट्रांसफर के बारे में आरोप लगाने का आधार नहीं बनता। अडानी ग्रुप के मुताबिक जो भी आरोप लग रहे हैं, उनके मामले 10 साल पहले ही जांच के बाद बंद हो चुके हैं। अडानी ग्रुप ने पहले ही कहा है कि डीआरआई ने फंड ट्रांसफर समेत कई आरोपों को जांच के बाद गलत पाया है।