नई दिल्ली। आज के समय में सभी लोग कम निवेश करके अच्छा फायदा चाहते हैं, हालांकि अब बाजार में कई ऐसे प्रोडक्ट आ गए हैं, जो कम इंवेस्टमेंट में ज्यादा फायदा देने का वादा करते हैं। लेकिन डिजिटल करेंसी के आने के बाद से लोग दुविधा में फंस गए हैं कि क्षेत्र में निवेश करने में ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है। डिजिटल करेंसी बिटकॉइन में भी लोगों को अच्छा रिर्टन मिल रहा है। सोना और ऐसे में लोगों बिटकॉइन और सोने में निवेश करने को लेकर दुविधा में फंस गए हैं। उन्हें यह समझने में मुश्किल हो रही है कि आखिर कौन सा विकल्प उनके लिए बेहतर रहेगा।
बिटकॉइन ने दिया अच्छा रिटर्न
बीते कुछ सालों में खासकर कोरोना काल में सोने का ने अच्छा रिटर्न मिला है। सुरक्षित निवेश विकल्प के तौर पर इसे खूब पसंद किया गया है। लेकिन इस बीच बिटकॉइन ने लोगों को इससे भी ज्यादा का फायदा दिया है। इसी वजह से अब लोग बिटकॉइन में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर रहे है। हालांकि बिटकॉइन में निवेश करने पर जोखिम भी होते हैं।
बिटकॉइन एक विकल्प
बताया जा रहा है कि लोग गोल्ड में ज्यादातर इसलिए निवेश कर रहे थे जिससे कि बाजार में उठा-पटक के दौरान उन्हें एक सपोर्ट मिले। इसी वजह से पोर्टफोलियो में सोने को शामिल करना एक बेहद अच्छा फैसला माना जा रहा था। हालांकी फाइनेंशियल प्लानर्स इसे लेकर सलाह देते हैं, लेकिन बिटकॉइन के रूप में लोगों को एक नया विकल्प मिल गया है।
सोने की मात्रा सीमित
सोने में निवेश करने का मतलब है कि आप पीली धातु से गहने बनवा सकते हैं। गोल्ड की मात्रा सीमित है। वहीं लोगों की डिमांड चाहें जितनी भी हो सोने की सप्लाई इस तुलना में कम ही होती है। बता दें कि सोने को तैयार करना आसान नहीं होता है। कोई कंपनी नये शेयर जारी कर सकती है, केंद्रीय बैंक बड़ी संख्या में नोट व दूसरी करेंसी छाप सकता है। वहीं अब बिटकॉइन एक नई तकनीक के रूप में आया है, जिसके जरिए अच्छा लाभ मिल सकता है।
गोल्ड और बिटकॉइन में अंतर
बिटकॉइन और सोने में अगर तुलना की जाए तो कई मायनों में दोनों एक-दूसरे से काफी अलग हैं। कानूनी प्रावधान, पारदर्शिता और सुरक्षा में क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में सोना आगे है। सोना और क्रिप्टोकरेंसी को हासिल करना आसान नहीं है। मार्केट में दोनों ही निवेश विकल्प की लिक्विडिटी अच्छी है।