
वॉशिंगटन। अमेरिका के शेयर बाजार में 19 फरवरी तक तेजी थी। इसके बाद से अमेरिका के शेयर बाजार में लगातार गिरावट आ रही है। हालत ये है कि अमेरिका के शेयर बाजार में निवेश करने वाले निवेशकों को सोमवार तक 4 खरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। अमेरिका के शेयर बाजार में एप्पल और एनवीडिया को जोर का झटका लगा है। इन दोनों ही कंपनियों के शेयर सोमवार तक 4 फीसदी के नुकसान पर चले गए। वहीं, अमेरिका की डेल्टा एयरलाइंस के शेयर में अब तक 14 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। टेस्ला के शेयर के भाव 15 फीसदी गिर गए हैं। सिर्फ अमेरिका के बाजार ही नहीं, एशिया और भारत में भी शेयर बाजारों में लगातार गिरावट का दौर देखने को मिल रहा है।
अगर सोमवार को अमेरिका के शेयर बाजार की बात करें, तो नैसडेक सूचकांक में 4 फीसदी यानी 728 अंक की गिरावट दर्ज की गई। दिसंबर 2024 से नैसडेक का सूचकांक 10 फीसदी गिर चुका है। वहीं, एसएंडपी 500 के सूचकांक में सोमवार को 2.7 फीसदी यानी 187 अंक की गिरावट आ गई। एक और बड़े शेयर बाजार डाव जोंस का सूचकांक देखें, तो सोमवार को इसमें 890 अंक यानी 2.1 फीसदी गिरावट दर्ज की गई। अब ये सवाल कि आखिर अमेरिका और दुनिया के अन्य शेयर बाजार लगातार गिर क्यों रहे हैं? इसकी वजह 2 हैं। एक तो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ युद्ध शुरू करवा दिया है। वहीं, मंदी की आशंका से भी शेयर बाजार से निवेशक भाग रहे हैं।
खुद डोनाल्ड ट्रंप ने बीते रविवार को फॉक्स न्यूज से कहा कि मंदी जैसी चीजों के बारे में उनको भविष्यवाणी करना पसंद नहीं है। ट्रंप ने कहा कि ये संक्रमण काल है। जो हम कर रहे हैं, वो बहुत बड़ा है। ऐसे में साफ है कि ट्रंप फिलहाल टैरिफ युद्ध टालने के मूड में नहीं हैं। वहीं, चीन और कनाडा जैसे देश भी टैरिफ के मामले में कदम खींचने को राजी नहीं। दोनों देशों ने अमेरिका के सामान पर टैरिफ लगाने का एलान किया है। इससे भी शेयर बाजार में उथल-पुथल मची है। दूसरी तरफ अमेरिका का फेडरल रिजर्व अब ब्याज दरों का एलान करने वाला है। पिछली बार फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 0.25 फीसदी कमी की थी। ऐसे में अब निवेशक ये देख रहे हैं कि फेडरल रिजर्व क्या रुख अपनाता है। अगर फेडरल रिजर्व ने तरलता बढ़ाने के लिए ब्याज दर और कम की, तो इसका भी अमेरिका और दुनिया के शेयर बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।